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प्रो. विनय पाठक ने बताया, कैसे सीएसजेएमयू के छात्र डिग्री के साथ पा सकेंगे नौकरी, पढ़िए- उनका साक्षात्कार

CSJMU Latest Update News प्रो. विनय कुमार पाठक छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के लिए कई योजनाएं लेकर आए हैं। वह बताते हैं कि तकनीकी के साथ विश्वविद्यालय व संबद्ध सभी डिग्री कॉलेजों को जोडऩे का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 08:50 AM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 08:50 AM (IST)
प्रो. विनय पाठक ने बताया, कैसे सीएसजेएमयू के छात्र डिग्री के साथ पा सकेंगे नौकरी, पढ़िए- उनका साक्षात्कार
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक।

कानपुर, जेएनएन। सात विश्वविद्यालयों के कुलपति बन चुके प्रो. विनय कुमार पाठक जहां भी गए बड़े बदलाव किए। प्रवेश से लेकर परीक्षा तक की प्रक्रिया को तकनीकी से जोड़ा। छात्रों के मिजाज को समझा और उसके अनुसार पठन पाठन प्रणाली तैयार की। अकादमिक में नए-नए प्रयोग किए जो कारगर रहे। छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के लिए भी वह कई योजनाएं लेकर आए हैं। वह बताते हैं कि तकनीकी के साथ विश्वविद्यालय व संबद्ध सभी डिग्री कॉलेजों को जोडऩे का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। पेश है उनके साथ हुई विशेष बातचीत के कुछ अंश।

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  • विवि में शिक्षा के उन्नयन को लेकर क्या बदलाव करने की योजना है?

- देखिए विवि में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। छात्रों की रुचि समझने की जरूरत है। उसके अनुसार नए कोर्स डिजाइन किए जाएंगे।

  • पाठ्यक्रमों में एकरूपता लाने के लिए क्या योजना है?

- नई शिक्षा नीति में पाठ्यक्रमों की एकरूपता पर फोकस किया गया है। अभी विवि व संबद्ध कॉलेजों में सहायता प्राप्त व स्ववित्तपोषित दो तरह के पाठ्यक्रम चलते हैं। यह सभी एक ही प्रकार से संचालित किए जाएंगे।

  • देश में यह सबसे बड़ा विवि है, जिससे सर्वाधिक कॉलेज जुड़े हुए हैं। इसका असर शैक्षणिक गुणवत्ता पर पड़ रहा है। इसके बारे में क्या कहना है?

- डिग्री कॉलेजों को संबद्धता देने की प्रक्रिया अब दो चरणों में होगी। एक उनका भौतिक सत्यापन होगा व दूसरा ऑनलाइन। दोनों सत्यापन के परिणामों का मिलान किया जाएगा। अगर उनमें समानता नहीं होगी तो संबद्धता नहीं मिलेगी।

  • पठन पाठन का स्तर सुधारने के लिए क्या योजना है?

- मानक पर खरे न उतरने वाले कॉलेज बंद किए जाएंगे। नए सत्र से पहले कॉलेजों का सत्यापन किया जाएगा, जिनमें कमी होगी उन्हें कुछ समय दिया जाएगा। सुधार न होने पर संबद्धता खत्म कर दी जाएगी।

  • विवि व डिग्री कॉलेजों से निकलने वाले कई छात्रों को नौकरी नहीं मिल पाती है। इस दिशा में क्या कदम उठाएंगे?

- नौकरी के लिए डिग्री के साथ कौशल भी जरूरी होता है। स्नातक के साधारण कोर्स में कौशल विकास का पाठ्यक्रम जोड़ा जाएगा। इससे छात्रों को बीए, बीएससी व बीकॉम की साधारण डिग्री के बजाय रोजगारपरक डिग्री मिलेगी।

  • प्लेसमेंट को लेकर क्या योजनाएं हैं?

- केंद्रीयकृत प्लेसमेंट सेल बनाई जाएगी। इसके जरिए विवि व डिग्री कॉलेज में अध्ययनरत दोनों प्रकार के छात्रों के लिए कंपनियां आएंगी।

  • परीक्षा की शुचिता को लेकर क्या कदम उठाएंगे?

- विवि से इटावा, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज व उन्नाव समेत कई जिलों में कॉलेज जुड़े हुए हैं। परीक्षा के दौरान इन सभी कॉलेज पर ऑनलाइन नजर रखी जाएगी। इसके लिए विवि में मॉनीटङ्क्षरग सिस्टम बनाया जाएगा।

  • डिग्री कॉलेजों में पठन पाठन बेहतर कैसे होगा?

- विवि के साथ डिग्री कॉलेजों में पठन पाठन बेहतर करने के लिए प्राचार्यों से लगातार संवाद किया जाएगा। प्रवेश व परीक्षा तक ही अब संवाद सीमित नहीं रहेगा।

  • ग्रामीणों तक शिक्षा का लाभ पहुंचाने की बात की जाती है लेकिन यह बात धरातल पर नहीं उतरती। ऐसा क्यों?

- विश्वविद्यालय ने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है। इसके लिए गांव व आंगनबाड़ी गोद लिए जाएंगे। एनएसएस व एनसीसी के कैडेट इन गांवों में जाकर शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए काम करेंगे। इसके लिए ग्राम प्रधानों की मदद भी ली जाएगी।


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