Move to Jagran APP

CSJMU Kanpur: विश्वविद्यालय में शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन अवकाश पर चल सकती कैंची

कोरोना संक्रमण काल में इंजीनियरिंग व प्रबंधन समेत अन्य विभाग बंद होने से शोध कार्य रुका रहा। नई परियोजनाओं के साथ पठन पाठन व्यवस्था पटरी पर लाने के लिए छुट्टियों में कटौती करने की तैयारी की जा रही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 10:52 AM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 10:52 AM (IST)
CSJMU Kanpur: विश्वविद्यालय में शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन अवकाश पर चल सकती कैंची
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में सत्र की तैयारी।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस से बचाव के लिए हुए लाॅक डाउन में हुए पढ़ाई के नुकसान की भरपाई करने के लिए छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ने शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन अवकाश में कटौती का निर्णय लिया है। शीतकालीन अवकाश रद्द कर दिया गया है। अब 15 मई से 30 जून तक होने वाले 45 दिन के ग्रीष्मकालीन अवकाश पर भी कैंची चलाए जाने की तैयारी है।

loksabha election banner

पिछले वर्ष तक मई व जून का महीना गर्मी की छुट्टियों का हुआ करता था। अब विश्वविद्यालय प्रशासन इस समस अंतराल में स्नातक व स्नातकोत्तर की वार्षिक परीक्षाएं कराए जाने की रूपरेखा तैयार कर रहा है। इसके अलावा बीटेक, एमबीए, एमसीए, होटल मैनेजमेंट की कक्षाओं व सेमेस्टर परीक्षाओं की तैयारी भी इस समय अंतराल में होगी। व वार्षिक परीक्षा कराए जाने की योजना बना रहा है।

वर्ष 2021-22 में डेढ़ महीने के इस ग्रीष्मकालीन अवकाश को हफ्ते भर में समेट दिया जाएगा जबकि क्रिसमस से नए साल के बीच मिलने वाली छुट्टियां विश्वविद्यालय परिसर में पहली बार रद्द हुई हैं। इस समय अंतराल में सभी विभागों में कक्षाएं लगाई गईं और प्रयोगात्मक अध्ययन भी हुए। सत्र के शुरूआत में विश्वविद्यालय का माहौल जिस प्रकार का हुआ करता था कक्षाएं लगने से अनलाॅक के बाद वैसा ही नजारा यहां नजर आने लगा है। कुलसचिव डाॅ. अनिल कुमार यादव ने बताया कि अगले वर्ष त्यौहार की व सरकारी छुट्टियां ही मिलेंगी। अन्य दिनों में विश्वविद्यालय खुला रहेगा।

नई परियोजनाओं पर शुरू हुआ काम

अनलाॅक में विश्वविद्यालय अब आॅफलाइन मोड में आ गया है। इंजीनियरिंग, प्रबंधन, कंप्यूटर साइंस, होटल मैनेजमेंट, समाज कार्य विभाग व हेल्थ साइंसेस समेत अन्य विभागों में तय शेड्यूल के अनुसार कक्षाएं लग रही हैं। यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आॅफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाॅजी के निदेशक निदेशक डाॅ. रवींद्रनाथ कटियार ने बताया कि ड्रोन, मशीन लर्निंग व इंटरनेट आॅफ थिंग्स समेत अन्य तकनीकी पर आधारित परियोजनाएं प्रारंभ हो गई हैं।

छात्र छात्राओं ने प्रयोगशाला में प्रोटोटाइप बनाने शुरू कर दिए हैं। फाइन आर्ट विभाग में अनलाॅक के बीच लोहे के वेस्ट मैटीरियल से 11 फिट ऊंचे जिराफ बनाए जाने का प्रोजेक्ट पूरा कर लिया गया। यह प्रोजेक्ट लाॅक डाउन के कारण रूका हुआ था। अब मूर्तिकला के नए प्रोजेक्ट की तैयारी की जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.