CSJMU से संबद्ध डिग्री कॉलेज के शिक्षकों का पहली बार ऑनलाइन रिफ्रेशर कोर्स हो रहा
कोर्स 26 दिसंबर शुरू हुआ है जो नौ जनवरी तक चलेगा। यह पहली बार है जब शहर में ही शिक्षकों को यह कोर्स करने का मौका मिला है। इस कोर्स से उनकी पदोन्नति की राह आसान होगी क्योंकि यह एकेडमिक परफोर्मेंस इंडीकेटर एपीआइ का स्कोर बढऩे में सहायक होगा।
जेएनएन, कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय सीएसजेएमयू से संबद्ध डिग्री कॉलेज के शिक्षकों का पहली बार ऑनलाइन रिफ्रेशर कोर्स हो रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अर्मापुर डिग्री कॉलेज को इसके लिए चुना है। कॉलेज ने इसका प्रस्ताव मंत्रालय को दिया था। यह कोर्स 15 दिन का है। कोर्स में 400 शिक्षक भाग ले रहे हैं जिसमें सीएसजेएमयू के 150 शिक्षक हैं।
कोर्स 26 दिसंबर शुरू हुआ है जो नौ जनवरी तक चलेगा। यह पहली बार है जब शहर में ही शिक्षकों को यह कोर्स करने का मौका मिला है। इस कोर्स से उनकी पदोन्नति की राह आसान होगी क्योंकि यह एकेडमिक परफोर्मेंस इंडीकेटर एपीआइ का स्कोर बढऩे में सहायक होगा। अर्मापुर के अलावा हंसराज डिग्री कॉलेज, माउंट कार्मेल कॉलेज बेंग्लुरू व श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में यह कोर्स हो रहा है। अभी तक यह कोर्स करने के लिए सीएसजेएमयू से जुड़े डिग्री कॉलेज शिक्षकों को रिफ्रेशर कोर्स करने के लिए जेएनयू, अलीगढ़, इलाहाबाद, लखनऊ, गोरखपुर व अन्य विश्वविद्यालयों का रुख करना पड़ता है। प्रत्येक विश्वविद्यालय में इसकी 40 से 50 सीट होती है जिससे कई बाहरी विश्वविद्यालय के शिक्षकों को मौका नहीं मिल पाता है।
एकेडमिक स्टॉफ कॉलेज बनाए जाने की उठी थी मांग
कानपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ कूटा ने सीएसजेएमयू में एकेडमिक स्टॉफ कॉलेज बनाए जाने की मांग उठाई थी। चूंकि यह कॉलेज रेजीडेंशियल यूनिवर्सिटी में स्थापित किए जा सकते हैं इसलिए शिक्षक कोर्स के लिए इस कॉलेज की स्थापना यहां नहीं हो सकी। कूटा अध्यक्ष डॉ. बीडी पांडेय ने बताया कि ओरिएंटेशन 21 दिन का होता है जबकि रिफ्रेशर कोर्स की अवधि 14 दिन होती है। इसके अलावा शार्ट टर्म कोर्स सात दिन चलता है। यह कोर्स करने के लिए शिक्षकों को दूसरे विश्वविद्यालय जाना पड़ता है।
नियुक्ति के चार साल के अंदर कोर्स अनिवार्य
पीपीएन डिग्री कॉलेज में सैन्य अध्ययन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एके ङ्क्षसह ने बताया कि कॉलेज में नियुक्ति के चार साल के अंदर एक ओरिएंटेशन व एक रिफ्रेशर कोर्स करना अनिवार्य है। इसके बाद सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर का पद मिलता है। नियुक्ति के नौ साल के बाद रिफ्रेशर व शॉर्ट टर्म किए जाते हैं जो पदोन्नति के लिए जरूरी हैं।
इनका ये है कहना
यह कोर्स पहली बार प्रदेश के किसी कॉलेज को मिला है। इसका लाभ शहर के उन डिग्री शिक्षकों को मिल रहा है। इसमें ऐसे शिक्षक भी शामिल हैं जो किसी कारणवश दूसरे विश्वविद्यालय जाकर कोर्स नहीं कर पा रहे थे।
- डॉ. गायत्री सिंह, प्राचार्य अर्मापुर महाविद्यालय