छात्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में एमबीए के इस सत्र से यह होगा बदलाव
अभी तक सभी पाठ्यक्रमों के अलग-अलग पेपर होते थे। इस सत्र से इंजीनियङ्क्षरग की तर्ज पर परीक्षा का प्रारूप बदल दिया गया है।विवि प्रशासन ने फैसला छात्रहित में लिया है।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। छत्रपति शाहूजी महाराज विवि में एमबीए की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए इस सत्र की परीक्षा में बदलाव दिखेगा। विवि में एमबीए से जुड़े चार अलग-अलग पाठ्यक्रमों- एमबीए फाइनेंस, फुल टाइम, टूरिज्म व बिजनेस इकोनॉमिक्स की पढ़ाई होती है। अभी तक सभी में अलग-अलग पेपर होते थे। हालांकि बदले हुए प्रारूप के मुताबिक पढ़ाई कराई जा रही है, इसलिए छात्र-छात्राओं को दिक्कत नहीं होगी।
इंजीनियरिंग की तर्ज पर बदला पेपर का प्रारूप
विश्वविद्यालय के एमबीए कोर्स में इस सत्र से इंजीनियङ्क्षरग की तर्ज पर पेपर का प्रारूप बदल दिया गया है। अब पहले सेमेस्टर में छात्रों को एक पेपर देना होगा। साथ ही वह कॉमन कोर्सेस (एकसमान पाठ्यक्रम) की पढ़ाई भी कर सकेंगे। इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट के निदेशक प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव ने बताया कि इस सत्र में पहले सेमेस्टर से पेपर का प्रारूप बदला गया है। अब एक ही परीक्षा होगी। विवि प्रशासन ने यह फैसला छात्रहित को देखते हुए लिया है।
दूसरे सेमेस्टर से स्पेशलाइजेशन की पढ़ाई
विवि में एमबीए की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं दूसरे, तीसरे व चौथे सेमेस्टर में स्पेशलाइजेशन की पढ़ाई कर सकेंगे। जिसमें उन्हें पाठ्यक्रम से अलग उन विषयों की जानकारी दी जाएगी, जो उन्हें भविष्य में नौकरी हासिल करने में मददगार होगी।
हर पाठ्यक्रम में 60-60 सीटें
विवि के एमबीए से संबंधित हर पाठ्यक्रम में 60-60 सीटें रहती हैं। जिनमें मेरिट के आधार पर प्रवेश होते हैं। एमबीए में दाखिले हर साल समय पर हो जाते हैं।
बिना सीसीटीवी न हों परीक्षाएं
जिन कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं, अगर वहां परीक्षा कराई गईं तो खैर नहीं। सभी महाविद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे समय से लग जाएं और वॉयस रिकॉर्डर भी होना चाहिए। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनीता भटनागर जैन के निर्देशों के मुताबिक परीक्षा केंद्रों का जब निर्धारण किया जाए तो उनमें सीसीटीवी लगे हैं या नहीं, इसे प्रमुखता से देखा जाए।
विवि में खेलकूद प्रतियोगिताओं की जानकारी शासन को दें। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के कार्यों, जन सुनवाई के लंबित प्रकरणों का समाधान जल्द कराने के लिए भी आदेश दिया है। बताते चलें कि विवि से संबद्ध अधिकतर महाविद्यालयों में सीसीटीवी नहीं लगे हैं और इसके बगैर बैक पेपर, सेमेस्टर समेत कई अन्य परीक्षाएं आयोजित करा दीं गई हैं।