सीएसए कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आइआइटी की तकनीक से पैदा होंगे पोषक बीज
कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में न्यूट्रिएंट सेंटर (पोषक तत्व केंद्र) की स्थापना की जाएगी। इसी केंद्र में हाईटेक तरीके से खेती कर पोषक बीज तैयार किए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, कानपुर : चंद्रशेखर आजाद (सीएसए) कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में अब हाईटेक तरीके से खेती कर पोषक बीज तैयार किए जाएंगे। इसके लिए जल्द ही न्यूट्रिएंट सेंटर (पोषक तत्व केंद्र) की स्थापना होने वाली है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के सहयोग से बनने वाले सेंटर में फसल प्रबंधन की तकनीक, मौसम की जानकारी से लेकर, फसल पकने और बीज उत्पादन की पूरी प्रक्रिया पर सॉफ्टवेयर और सेंसर पर आधारित होगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर के विशेषज्ञ इसमें सहयोग करेंगे। जल्द ही इसके लिए दोनों संस्थानों के बीच करार होने वाला है।
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तकनीक आधारित होगी पूरी प्रक्रिया
इस सेंटर में खेती की पूरी प्रक्रिया तकनीक पर आधारित होगी। खेतों की गुड़ाई-मड़ाई और बीज की बुवाई से लेकर फसल पकने तक का सारा काम सॉॅफ्टवेयर और सेंसर के माध्यम से होगा। मकसद होगा ऐसे बीज खोजना जिनकी पैदावार बेहतर हो। इस प्रक्रिया से रोग, कीटों और जलवायु के खतरे का असर भी कम रहेगा।
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मैनेजरों की होगी नियुक्ति
न्यूट्रिएंट सेंटर में सेंसर आधारित खेती को गांवों तक पहुंचाने के लिए मैनेजर नियुक्त किए जाएंगे। यह किसानों को प्रशिक्षित करेंगे। उन्हें मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप के माध्यम से सॉफ्टवेयर के बारे में बताएंगे। वहीं आइआइटी के विशेषज्ञ पोषक तत्व केंद्र के लिए ऐसी तकनीक विकसित करेंगे जिससे किसानों को मोबाइल पर ही सारी जानकारी मिल जाए।
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20 गांवों से होगी शुरुआत
केंद्र के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कानपुर, कानपुर देहात और कन्नौज जनपदों को चुना है। यहां के 20 गांवों में बीज के पैदा होने से लेकर फसल पकने तक की प्रक्रिया यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
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''आइआइटी के वैज्ञानिकों के सहयोग से सॉफ्टवेयर पर आधारित न्यूट्रिएंट सेंटर की स्थापना की जाएगी। इसके माध्यम से किसानों की फसलों की पैदावार बढ़ सकेगी।'' -प्रो. एचजी प्रकाश, निदेशक शोध, सीएसए कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि.