सीएसए प्रोफेसर पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर अनशन पर बैठा शोधार्थी
सीएसए कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मुख्य भवन के बाहर डाला डेरा, समर्थन में आए कई छात्र।
By Edited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 02:15 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 01:20 PM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) का एक शोधार्थी सोमवार को प्रोफेसर पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर अनशन पर बैठ गया। कई शोधार्थी और बीएससी-एमएससी के छात्र भी उसके समर्थन में जुट गए हैं। सहारनपुर के रणखंडी देवबंद निवासी सुरेंद्र कुमार प्लांट पैथोलॉजी से एक प्रोफेसर के अंडर में पीएचडी कर रहा है। उसका आरोप है कि मुख्य शोध सलाहकार लगातार उसे प्रताड़ित कर रहे हैं। एनओसी नहीं दी जा रही है।
पीएचडी मई 2018 में पूरी होनी थी लेकिन वाइवा देरी से भेजने के कारण एक सेमेस्टर बढ़ गया। प्रोग्राम रिपोर्ट न लगाने के कारण यूजीसी से फेलोशिप रुक गई है। उसने मामले की शिकायत एचओडी प्रो. वेद रतन से की, लेकिन उन्होंने भी ध्यान नहीं दिया। इसी तरह उसके सीनियर नरेंद्र कुमार के साथ भी हुआ। उनकी पीएचडी मई 2017 में पूरी हो जानी चाहिए थी। डीन एग्रीकल्चर प्रो. पूनम सिंह ने कहा कि छात्र ने अपनी थीसिस पूरी नहीं की है। वह नियमित नहीं है। छात्र को कई बार समझाया गया, लेकिन वह नहीं माना।
सभी अधिकारी उसके पास गए थे। वहीं प्लांट पैथोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो. वेद रतन ने कहा कि किसी तरह की प्रताड़ना की कोई बात नहीं है। छात्र ही गलती कर रहा है, जो कि अनियमित है। ऐसे में प्रोफेसर क्या करें। अनशन करना गलत है। छात्र को अनशन समाप्त कर देना चाहिए। जमकर की नारेबाजी सुरेंद्र कुमार के धरने पर बैठते ही अन्य शोधार्थी भी उसके साथ आ गए। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बीएससी और एमएससी छात्रों को भी बुला लिया।
पीएचडी मई 2018 में पूरी होनी थी लेकिन वाइवा देरी से भेजने के कारण एक सेमेस्टर बढ़ गया। प्रोग्राम रिपोर्ट न लगाने के कारण यूजीसी से फेलोशिप रुक गई है। उसने मामले की शिकायत एचओडी प्रो. वेद रतन से की, लेकिन उन्होंने भी ध्यान नहीं दिया। इसी तरह उसके सीनियर नरेंद्र कुमार के साथ भी हुआ। उनकी पीएचडी मई 2017 में पूरी हो जानी चाहिए थी। डीन एग्रीकल्चर प्रो. पूनम सिंह ने कहा कि छात्र ने अपनी थीसिस पूरी नहीं की है। वह नियमित नहीं है। छात्र को कई बार समझाया गया, लेकिन वह नहीं माना।
सभी अधिकारी उसके पास गए थे। वहीं प्लांट पैथोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो. वेद रतन ने कहा कि किसी तरह की प्रताड़ना की कोई बात नहीं है। छात्र ही गलती कर रहा है, जो कि अनियमित है। ऐसे में प्रोफेसर क्या करें। अनशन करना गलत है। छात्र को अनशन समाप्त कर देना चाहिए। जमकर की नारेबाजी सुरेंद्र कुमार के धरने पर बैठते ही अन्य शोधार्थी भी उसके साथ आ गए। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बीएससी और एमएससी छात्रों को भी बुला लिया।
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