सीएसए में शहादत का हुआ अपमान, जयंती पर प्रतिमा की खंडित
विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को पौधों की प्रजातियों के बारे में जानकारी दी जाती है। यह पार्क के रूप में विकसित है जबकि बीच में फाउंटेन लगा हुआ है। पौधों में क्रोटन डुरंटा ग्लोडियान मनोकामना लवलीना केतकी सन ऑफ इंडिया पाम चांदनी आदि शामिल हैं।
कानपुर, जेएनएन। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में अराजकतत्वों ने रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा का हाथ तोड़ दिया है। उनके साथ ही कुछ अन्य प्रतिमाओं के साथ छेड़छाड़ की गई है। किसी के सिर को क्षतिग्रस्त करने का प्रयास किया गया है तो किसी को अपनी जगह से उखाड़ दिया गया है। यहां के इंचार्ज का कहना है कि अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बिजली का कनेक्शन भी काट दिया गया है, जिससे रात के समय अंधेरा रहता है।
विश्वविद्यालय के उद्यान विज्ञान विभाग के संकेन गार्डेन में 13 फरवरी 2008 को दिव्य वाटिका का उद्घाटन किया गया। आइसीएआर के तत्कालीन उप महानिदेशक डॉ. एचपी सिंह बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे, जबकि उस समय कुलपति प्रो. वीके सूरी थे। यहां कई तरह की प्रतिमाएं और पौधे लगे हुए हैं। विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को पौधों की प्रजातियों के बारे में जानकारी दी जाती है। यह पार्क के रूप में विकसित है, जबकि बीच में फाउंटेन लगा हुआ है। पौधों में क्रोटन, डुरंटा, ग्लोडियान, मनोकामना, लवलीना, केतकी, सन ऑफ इंडिया, पाम, चांदनी आदि शामिल हैं। विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. खलील खान ने बताया कि उन्हेंं जानकारी नहीं है। शनिवार की सुबह प्रतिमा को दिखवाया जाएगा।
नशेबाजी का अड्डा बना
विश्वविद्यालय के अंदर बना पार्क अपनी भव्यता के मामले में शहर के प्रमुख पार्कों से कहीं कम नहीं है, लेकिन अव्यवस्था और देखरेख के अभाव में लगातार खराब होता जा रहा है। जगह जगह शराब की बोतलें और आपत्तिजनक सामग्री बिखरी रहती है। गार्डन के इंचार्ज धनीराम का कहना है कि बगल में नवाबगंज की ओर लोग दीवार फांदकर आ जाते हैं। अधिकारियों को जानकारी दी गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। मूॢतयों को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है।