CSA कृषि विश्वविद्यालय गांवों में दूर करेगा कुपोषण, कानपुर देहात से शुरू होगा अभियान
सीएसए विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की टीम गांवों में जाकर सस्ती तकनीक से पौष्टिक आहार दिलाएगी।
कानपुर, जेएनएन। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) ने गांवों में कुपोषण दूर करने की तैयारी की है। वहां की गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों को सस्ती तकनीक से पौष्टिक आहार दिलाया जाएगा। ग्रामीणों के परिवार के लिए खास तरह के किचन गार्डन विकसित किए जाएंगे, जिनसे साल भर तक गुणवत्ता और पोषण से भरपूर भोजन मिल सकेगा। इस अभियान की शुरुआत कानपुर देहात से हो रही है। वहां के 10 ब्लॉकों के एक-एक गांव गोद लिये जाएंगे। विश्वविद्यालय में विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों की टीम बन गई है। अगले तीन महीने में उन गांवों को मॉडल के रूप में तैयार करने की योजना है।
सीएसए के अंतर्गत 23 जिले आते हैं। कुलपति ने विश्वविद्यालय की तकनीक गांवों तक पहुंचाने का निर्णय किया है। उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अधिकारियों से कई प्रोजेक्ट पर चर्चा की। सबसे अधिक समस्या कुपोषण की मिली। चेन्नई के एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के अधिकारियों से बातचीत की। फाउंडेशन की ओर से गांवों में कार्यक्रम चलाने की सहमति मिल गई।
घरेलू खाद्य पदार्थों से बनाएंगे पौष्टिक आहार
विश्वविद्यालय और फाउंडेशन मिलकर घरेलू खाद्य वस्तुओं व पदार्थों से पौष्टिक आहार तैयार करेंगे। इसमें अलसी, बाजरे और अन्य मोटे अनाजों से लड्डू, पुआ, कचौड़ी आदि शामिल हैं। कुछ पेय पदार्थ बनाने की विधि सिखाई जाएगी, जिसे कुछ दिन तक सुरक्षित रखा जा सकेगा।
छोटा किचन गार्डन तैयार करना सिखाएंगे
विशेषज्ञ किसानों को छोटा किचन गार्डन तैयार करना सिखाएंगे। उन्हें एक ही खेत में अमरूद, पपीता, मिर्च, लहसुन, पुदीना, प्याज, आलू, गाजर समेत अन्य फल व सब्जियों को लगाने की विधि बताई जाएगी। यह कुछ इस तरह से रहेगा, जिसमें किसानों को हमेशा संतुलित पौष्टिक आहार मिलता रहेगा।
कानपुर देहात के 10 ब्लॉक
अकबरपुर, मैथा, सरवनखेड़ा, डेरापुर, झींझक, रसूलाबाद, अमरौधा, मलासा, संदलपुर, राजपुर। कानपुर देहात के बाद कानपुर के गांवों में भी अभियान चलेगा। वहां के मॉडल को सभी गांवों में लागू कराने का प्रयास होगा।
-कानपुर देहात से कुपोषण मिटाने का अभियान शुरू किया जा रहा है। इसमें ग्रामीणों को सस्ते तरीके से पौष्टिक आहार तैयार करने की विधि बताई जाएगी। -डॉ. डीआर सिंह, कुलपति सीएसए विश्वविद्यालय