नैक से मान्यता प्राप्त देश का पहला कृषि संस्थान बना सीएसए, 74 कृषि विश्वविद्यालयों में हासिल की उपलब्धि
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को नैक से मान्यता मिली और बी ग्रेड मिला है । 74 कृषि विश्वविद्यालयों में यह उपलब्धि शोध संसाधन समन्वय के दम पर पाने वाला देश का पहला संस्थान बन गया है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। देश के 74 कृषि विश्वविद्यालयों में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) नैक (नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिएशन काउंसिल) से बी ग्रेड मान्यता पाने वाला देश का पहला संस्थान बन गया है। विश्वविद्यालय ने शोध, संसाधन और समन्वय के दम पर 2.47 अंक (सीजीपीए) के साथ यह उपलब्धि हासिल की है। मंगलवार को विश्वविद्यालय के कुलपति डा. डीआर सिंह व रजिस्ट्रार प्रो. सीएल मौर्या के अलावा कृषि विज्ञानियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने खुशी जताते हुए एक-दूसरे को बधाई दी। इस उपलब्धि के बाद विश्वविद्यालय को यूजीसी से बजट मिलने के रास्ते खुल गए हैं।
सीएसए के कुलपति डा. डीआर सिंह ने बताया कि नैक की टीम ने 27 से 29 जून के बीच परीक्षण व मूल्यांकन किया था। छात्र, पूर्व छात्र, विज्ञानियों व शिक्षकों से संवाद कर अध्यापन कार्य की गुणवत्ता को परखा। संसाधन से लेकर प्रयोगशाला व कक्षा का निरीक्षण किया। शोध व अन्य गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की थी। कुलपति बताया कि नैक मान्यता मिलने के बाद अब नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) से मान्यता की तैयारी है।
क्या है ग्रेडिंग प्रक्रिया : नैक यूजीसी का एक हिस्सा है। इसका काम देशभर के विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों, निजी संस्थानों में गुणवत्ता को परखना और उनको रेटिंग देना है। इसके तहत, शिक्षण संस्थान नैक ग्रेडिंग के लिए आवेदन करते हैं। इसके बाद नैक की टीम संस्थान में शिक्षण सुविधा, नतीजे, इंफ्रास्ट्रक्चर और कालेज के माहौल जैसे बिंदुओं का निरीक्षण करती है। इसी आधार पर नैक की टीम अपनी रिपोर्ट तैयार करती है। अगर संस्थान को ए प्लस प्लस ग्रेड मिलता है तो इसका मतलब है कि संस्थान सबसे बेहतर है। सीजीपीए के आधार पर ए से डी तक ग्रेड दिए जाते हैं।
विद्यार्थियों को ये होगा फायदा : नैक रेटिंग से स्टूडेंट्स को शिक्षण संस्थान के बारे में सही जानकारी मिलती है। छात्रों को संस्थान के बारे में शिक्षा की गुणवत्ता, अनुसंधान, बुनियादी ढांचा और संसाधन जैसी जानकारी हासिल करने में आसानी होती है। नैक ग्रेडिंग के जरिए छात्र अपने लिए बेहतर कालेज तलाश कर सकते हैं। इतना ही नहीं, नैक ग्रेड शिक्षण संस्थानों की दी गई डिग्रियों का मूल्य भी निर्धारित करते हैं।
यूजीसी से बजट मिलने की बढ़ी उम्मीद : मीडिया प्रभारी डा. खलील खान ने बताया कि नैक से ग्रेड मिलने के बाद चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी से भी बजट मिलने की उम्मीद है। यूजीसी विभिन्न शोध कार्यों के लिए विश्वविद्यालय को प्रोजेक्ट व बजट दे सकता है।