खजाना भरने के बदले में मिलतीं दुश्वारियां
खजाना भरने के बदले में मिलतीं दुश्वारियां
जागरण संवाददाता, कानपुर: उत्तर मध्य रेलवे जोन का सबसे बड़ा और भाड़े के रूप में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला सीपीसी गोदाम अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यहां से हर माह करीब 30 करोड़ रुपये राजस्व मिलता है, लेकिन बदले में व्यापारियों को सिर्फ दुश्वारियां ही मिलती हैं। कई दशक से पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं है। जिधर देखिए, उधर गंदगी। कई स्थानों पर तो वर्षो से झाड़ू तक नहीं लगी है। अब राजस्व के रिकार्ड पर नजर डालें। बीते जनवरी माह में यहां 48 रैक यानी 27 लाख बोरी माल उतारा गया। व्यापारियों ने करीब 24 करोड़ रुपये भाड़ा और छह करोड़ रुपये समय से माल नहीं उतारने पर दंड स्वरूप दिए। करीब इतना ही राजस्व हर माह देने के बावजूद गोदाम की हालत बद से बदतर है।
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शेड में दो से तीन फीट तक जमा मिंट्टी
सीपीसी गोदाम में छह प्लेटफार्म पर माल उतरता है और सात प्लेटफार्म माल लादने के लिए हैं। प्रत्येक प्लेटफार्म के शेड में दो से तीन फीट मिट्टी भरी हुई है, यहां कई साल से सफाई नहीं हुई। दिन भर खाद्यान्न की तलाश में सूअर के साथ बेसहारा जानवर धमाचौकड़ी मचाते हैं। अंधेरे में डूबे शेड में अनजान व्यक्ति चला जाए तो जानवर उसे घायल कर देते हैं।
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सड़कें उखड़ीं, जलभराव से भीगता माल
गोदाम में कई सड़कें पूरी तरह उखड़ गई हैं। शेड के अंदर तक जलभराव होने से कई बार सीमेंट समेत करोड़ों का माल भीगकर बर्बाद हो चुका है। पल्लेदार कीचड़ से होकर प्लेटफार्म तक पहुंचते हैं। दो साल पहले यहां नाला बनाने के लिए बेस तैयार किया गया और उसके बाद अधूरा छोड़ दिया गया।
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आरपीएफ चौकी तक नहीं
एक दशक पूर्व गोदाम के अंदर ही आरपीएफ चौकी थी। बाद में चौकी समाप्त कर दी गई। गोदाम में आने वाला अरबों रुपये का माल भगवान भरोसे हैं। हर माह लाखों रुपये का माल चोरी हो जाता है।
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:::::न्यूमेरिक:::::
50 लाख रुपये एक वैगन का भाड़ा
09 घंटे है माल उतारने की समय सीमा
42 रैक वाली मालगाड़ी से माल उतारने में देरी पर 6600 रुपये प्रति घंटा जुर्माना
58 रैक वाली मालगाड़ी से माल उतारने में देरी पर 10,000 रुपये प्रति घंटा जुर्माना
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क्या बोले व्यापारी
अक्सर प्लेटफार्म खाली नहीं होने पर खुले में माल उतारने को मजबूर किया जाता है, जिससे करोड़ों का माल भीग जाता है।
- आत्मजीत ¨सह
पेयजल सुविधा के साथ प्रसाधन तक नहीं है। एक साल पहले नाली अधूरी बनाकर छोड़ दी। घटिया निर्माण से सड़कें उखड़ गई।
- अब्दुल वहीद
देश भर में स्वच्छता अभियान चला, लेकिन सीपीसी गोदाम में इसकी किरण तक नहीं पहुंची। कई ऐसे प्वाइंट हैं, जहां खड़े नहीं हो सकते।
- किशन लाल
गोदाम में एक दिन भी माल छोड़ दिया जाए तो चूहे, सूअर व बेसहारा जानवर बर्बाद कर देते हैं। कई प्लेटफार्म में दरवाजे टूटे हैं।
- शशिकांत मिश्रा
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क्या कहते हैं अधिकारी
सीपीसी रेलवे गोदाम की समस्या से वाकिफ हैं। करीब 10 करोड़ रुपये से गोदाम का कायाकल्प होना है, इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है।
- डॉ. जितेंद्र ¨सह, डायरेक्टर कानपुर सेंट्रल स्टेशन एवं सीपीसी रेलवे गोदाम