Move to Jagran APP

कुत्ता भौंकने के विवाद में कर दी थी हत्या, अब रहना होगा जिंदगी भर सलाखों के पीछे Kanpur News

नौ साल पहले जाजमऊ में हुई थी घटना तीन को उम्रकैद दो बरीफरार होने के चलते एक आरोपित की फाइल अलग।

By AbhishekEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 12:07 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 09:35 AM (IST)
कुत्ता भौंकने के विवाद में कर दी थी हत्या, अब रहना होगा जिंदगी भर सलाखों के पीछे  Kanpur News
कुत्ता भौंकने के विवाद में कर दी थी हत्या, अब रहना होगा जिंदगी भर सलाखों के पीछे Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। नौ साल पहले कुत्ता भौंकने के विवाद में हुई हत्या के मामले में विशेष न्यायाधीश एससीएसटी रमेश चंद्र ने तीन अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद और 20-20 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया।

loksabha election banner

24 जून 2010 की रात 12:30 बजे जाजमऊ निवासी सुनील अपने मौसा सीताराम के साथ घर के बाहर बैठा था। तभी हाशमी रोड हरिजन बस्ती निवासी रोशन लारी और शीबू वहां से निकले। इस पर सुनील का पालतू कुत्ता भौंकने लगा। शीबू ने कुत्ते को पत्थर मार दिया। विरोध करने पर दोनों गालियां देते हुए भाग गए। थोड़ी देर में 15-20 साथी बुला लाए और मारपीट शुरू कर दी।

रोशन ने सीताराम पर तमंचे से फायर कर दिया। गोली सीने में लगने से उनकी मौत हो गई। सुनील ने रिपोर्ट चकेरी थाने में दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले में रोशन लारी, शीबू के साथ नूरी रोड डिफेंस कालोनी के शेरू, केडीए कालोनी के नुसरत व गज्जूपुरवा के सारिक व सऊद अख्तर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सऊद के फरार होने के चलते उसकी फाइल अलग कर दी गई जबकि अन्य आरोपितों के मामले में सुनवाई हुई। विशेष लोक अभियोजक संजय त्रिपाठी ने बताया कि रोशन लारी, शीबू और शेरू को दोषी पाया गया है, जबकि नुसरत और सारिक को साक्ष्य के अभाव में न्यायालय ने बरी कर दिया। न्यायालय ने रोशन को आम्र्स एक्ट में भी दोषी पाते हुए दस हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया है।

दुष्कर्मी पिता को दस साल कैद

तेरह साल की बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले पिता को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो विजय राजे सिसोदिया ने दोषी करार दिया है। पूरे मामले की सुनवाई एक माह में पूरी करते हुए न्यायालय ने आरोपित पिता को दस वर्ष कैद और 22 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। बिठूर निवासिनी तेरह वर्षीय किशोरी ने सात अगस्त 2019 को पुलिस को तहरीर दी थी। किशोरी ने आरोप लगाया था कि पिता मुंह में कपड़ा ठूंसकर दुष्कर्म करते हैं। इस दौरान फर्राटा पंखा और तेज आवाज में रेडियो बजाते थे ताकि किसी को भी घटना की जानकारी न हो सके। किशोरी ने इसकी जानकारी अपनी मौसी को दी तो वह उसे बिठूर थाने लेकर गईं।

विशेष लोक अभियोजक गंगाप्रसाद यादव ने बताया कि किशोरी की पांच वर्ष की उम्र में मां का निधन हो गया था। जिसके बाद से वह पिता के साथ अकेली रहती थी। 17 अगस्त 2019 को किशोरी के कलमबंद बयान हुए। न्यायालय ने किशोरी के पिता पर 11 अक्टूबर को आरोप तय किए। एक माह में आठ गवाहों की गवाही दर्ज हुई। इसमे किशोरी की मौसी समेत अन्य गवाहों ने पिता के खिलाफ गवाही दी। गवाही और परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ने पिता को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.