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माखी कांड : पीडि़ता के चाचा को जमानत, घर दिलाने पर महिला आयोग आज देगा जवाब Unnao News

उन्नाव के डॉक्टरों समेत चार ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 12:41 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 12:41 PM (IST)
माखी कांड : पीडि़ता के चाचा को जमानत, घर दिलाने पर महिला आयोग आज देगा जवाब Unnao News
माखी कांड : पीडि़ता के चाचा को जमानत, घर दिलाने पर महिला आयोग आज देगा जवाब Unnao News

उन्नाव, जेएनएन। माखी गांव की दुष्कर्म पीडि़ता के चाचा को एक और मामले में जमानत मिल गई है। कोर्ट ने 50-50 हजार के दो जमानतगीर पेश करने का आदेश दिया है। वहीं पीडि़ता के पिता की हत्या के मामले में दिल्ली की कोर्ट में तीन डॉक्टरों व एक अन्य गवाह के बयान दर्ज हुए। अब पीडि़ता को घर दिलाने पर महिला आयोग को कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करना है।

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गवाह की मौत के मामले में मिली जमानत

सीबीआइ के गवाह की मौत होने पर परिवारीजन के शव दफनाने के बाद पीडि़ता के चाचा ने हत्या की आशंका जताकर कब्र खोदवाई थी। पोस्टमार्टम में यूनुस की मौत बीमारी से होने की पुष्टि हुई थी। यूनुस के भाई ने पीडि़ता के चाचा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। चाचा के वकीलों ने जमानत अर्जी कोर्ट में दाखिल की थी। सोमवार को सुनवाई में उसके वकील अजेंद्र अवस्थी और अशोक दुबे ने कोर्ट में पक्ष रखा। अदालत ने पीडि़ता के चाचा की जमानत मंजूर कर ली। कोर्ट ने शर्त रखी कि वह जेल से छूटने के बाद किसी व्यक्ति को धमकाकर अपने पक्ष में लाने का प्रयास नहीं करेगा। ऐसा करने उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

दिल्ली की कोर्ट में दर्ज हुए गवाहों के बयान

दुष्कर्म पीडि़ता के पिता की हत्या के मामले में दिल्ली की कोर्ट में तीन डॉक्टरों व एक अन्य गवाह के बयान दर्ज हुए। दुष्कर्म पीडि़ता के पिता की मौत के मामले में उत्तर प्रदेश प्रशासन ने डॉक्टरों का एक बोर्ड बनाया था। बोर्ड से कहा गया था कि इलाज और अस्पताल से छुट्टी के बीच की प्रक्रिया की जांच की जाए। जांच के बाद एक रिपोर्ट अदालत में दायर हुई थी। जांच करने के वाले बोर्ड के डॉक्टर ने ही अब अपना बयान दर्ज कराया।

महिला आयोग को देना है जवाब

पीडि़ता और उसके परिवार को दिल्ली में घर मुहैया कराने के आदेश पर मंगलवार को अपना जवाब दाखिल करना है। अदालत ने शनिवार को दिल्ली महिला आयोग से कहा था कि परिवार को घर मुहैया कराएं। पीडि़ता के पिता के खिलाफ 3 अप्रैल 2018 को शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस हिरासत में अत्यधिक पिटाई के कारण उनकी मौत हो गई थी। बाद में सीबीआइ ने मामले की जांच की। तीस हजारी अदालत मामले में आरोपितों के खिलाफ आरोप तय कर चुकी है। मामले में विधायक कुलदीप सेंगर और पुलिसकर्मियों सहित कुल 11 आरोपित हैं।


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