कानपुर में पड़ोसन की हत्या में दंपती को उम्रकैद की सजा मुकर्रर, 14 साल बाद अदालत ने सुनाया फैसला
29 अगस्त 2006 को चकेरी से दोनों को गिरफ्तार किया। सहायक शासकीय अधिवक्ता राजेश्वर तिवारी ने बताया कि दोनों को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। शनिवार को उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर सजा सुनाई गई।अपने रिश्तेदार के यहां जाकर दोनों ने घटना कबूल की।
कानपुर, जेएनएन। सनिगवां रोड गायत्री नगर के मकान नंबर एक में सतेंद्र प्रजापति पत्नी रमाकांती के साथ किराये पर रहते थे। इसी मकान में बंगाली परिवार मदन पॉल पत्नी रेणुका और बेटे शेखर के साथ रहते थे। रमाकांती अक्सर जादू टोने का आरोप लगाकर रेणुका से झगड़ती थी। घटना से दस बारह दिन पहले सतेंद्र काम पर जाते समय साइकिल से गिर गया था। उसके सीने पर चोट आयी थी।
रमाकांती को शक था कि रेणुका ने जादू टोना किया है। इसे लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ। 21 जुलाई 2006 की सुबह आठ बजे मदन अपने बेटे के साथ काम पर चले गए। इसके बाद सतेंद्र और रमाकांती ने रेणुका को लाठी डंडे से पीट पीटकर मार डाला। उसका शव एक ड्रम में भरा। सारा सामान टेंपो पर लादा और कमरा खाली कर भाग गए और ग्राम बघारा में ड्रम को फेंक दिया। अपने रिश्तेदार के यहां जाकर दोनों ने घटना कबूल की। पुलिस ने 29 अगस्त 2006 को चकेरी से दोनों को गिरफ्तार किया। सहायक शासकीय अधिवक्ता राजेश्वर तिवारी ने बताया कि दोनों को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। शनिवार को उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर सजा सुनाई गई।