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कानपुर में अलग रखी जाएगी कोरोना की वैक्सीन, जानिए-पहले किसका वैक्सीनेशन कराने की तैयारी

कानपुर जिले की आबादी के हिसाब से कोरोना वैक्सीन मिलने की संभावना के मद्​देनजर सीएमओ कार्यालय परिसर में पांच सौ वर्ग फीट के हॉल का निर्माण कराया जा रहा है जहां पर वैक्सीन रखने का इंतजाम किया जाएगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 07:59 AM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 07:59 AM (IST)
कानपुर में अलग रखी जाएगी कोरोना की वैक्सीन, जानिए-पहले किसका वैक्सीनेशन कराने की तैयारी
जिले को मिलने वाली कोविड वैक्सीन को रखवाने की तैयारी की जा रही है।

कानपुर, जेएनएन। देश में कोरोना वायरस की स्वदेशी वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल अभी शुरू नहीं हुआ है। न ही वैक्सीन लगाने की तिथि तय है, फिर भी स्वास्थ्य महकमा तैयारियों में जुट गया है। जिले की आबादी के हिसाब से वैक्सीन मिलने की संभावना है। इसको नियमित टीकाकरण की वैक्सीन के साथ नहीं रखा जाएगा। इसीलिए कोरोना वैक्सीन के भंडारण को रामादेवी स्थित सीएमओ कार्यालय परिसर में पांच सौ वर्ग फीट का अलग हाल बनाया जा रहा है।

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वैक्सीन रखने को आए दो डब्ल्यूआइसी

सीएमओ कार्यालय परिसर स्थित मंडलीय कोल्ड चेन में अलग हाल में वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए दो वॉश इन कूलर (डब्ल्यूआइसी) आ गए हैं। डब्ल्यूआइसी बड़े कमरे की तरह होते हैं, जिनमें अलग-अलग केबिन होते हैं। डब्ल्यूआइसी में दो से आठ डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर कोरोना वैक्सीन सुरक्षित रखी जाएगी।

पहले इन्हें लगेगी वैक्सीन

सरकारी क्षेत्र के डॉक्टर, फार्मासिस्ट, नर्सिंग स्टॉफ, स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कर्मचारी, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा कार्यकर्ता। निजी क्षेत्र के डॉक्टर व नर्सिंग स्टॉफ।

जुटाया जा रहा डाटा

वैक्सीन लगाने के लिए सीएमओ कार्यालय से डाटा जुटाया जा रहा है। सरकारी क्षेत्र में कांशीराम चिकित्सालय, नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से डाटा आ चुका है। इसी तरह निजी क्षेत्र से अभी तक 67 सेंटर से हेल्थ वर्कर की डिटेल मिल चुकी है।

यहां से अभी नहीं मिला डाटा

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज व हैलट अस्पताल, उर्सला अस्पताल, डफरिन अस्पताल व केपीएम हॉस्पिटल।

हेल्थ वर्कर की ये सूचना जरूरी

हेल्थ वर्कर्स के लिए आधार कार्ड नंबर, पैन कार्ड और मोबाइल नंबर जरूरी है। इन्हें एकत्र कर सीएमओ को ऑनलाइन भेजा जाएगा।

वैक्सीन ट्रायल की स्थिति

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और भारत बायोटेक के सहयोग से स्वदेशी वैक्सीन पहले व दूसरे चरण में 42 वालंटियर्स को लगाई जा चुकी है। उन पर कोई दुष्प्रभाव नहीं दिखा है, बल्कि एंटी बॉडी के बेहतर टाइटर बने हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में रूस की वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल शुरू करने को वालंटियर्स का पंजीकरण हो रहा है। दो सौ वालंटियर्स पर वैक्सीन का ट्रायल होगा।

  • कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाने से पहले की तैयारियां शुरू हैं। इसे अलग रखा जाएगा। मंडलीय कोल्ड चेन सेंटर में एक हाल बनाया जा रहा है। - डॉ. अनिल मिश्रा, सीएमओ।

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