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Coronavirus: वैक्सीन की बूस्टर डोज का 22 वॉलंटियर्स पर ट्रायल, सामने नहीं आए साइड इफेक्ट

वैक्सीन के बाद सभी वॉलंटियर्स के रक्त के नमूने लेकर आइसीएमआर की अप्रूव्ड लैब में जांच के लिए भेजे गए हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 04:47 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 04:47 PM (IST)
Coronavirus: वैक्सीन की बूस्टर डोज का 22 वॉलंटियर्स पर ट्रायल, सामने नहीं आए साइड इफेक्ट
Coronavirus: वैक्सीन की बूस्टर डोज का 22 वॉलंटियर्स पर ट्रायल, सामने नहीं आए साइड इफेक्ट

कानपुर, जेएनएन। स्वदेशी कोरोना वायरस वैक्सीन का मानव पर पहले चरण का ट्रॉयल शहर में सफल रहा है। गुरुवार को 14 दिन बाद 22 वॉलंटियर्स को वैक्सीन की बूस्टर डोज आर्य नगर स्थित निजी अस्पताल में लगाई गई। उन्हें तीन घंटे तक रोका गया, लेकिन कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा। इससे पहले उनके रक्त नमूने लिए गए, जिसे इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) की अप्रूव्ड लैब भेजा गया, वहां यह देखा जाएगा कि शरीर में कितनी मात्रा में एंटीबॉडी बनी।

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देश में 350 वॉलंटियर्स पर वैक्सीन का ह्यूमन ट्रॉयल हो रहा है। वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आकर सहमति देने वाले स्वस्थ व्यक्तियों को लगाकर प्रभाव देख रहे हैं। कानपुर को 33 वैक्सीन मिली हैं। 31 जुलाई व एक अगस्त को 33 वॉलंटियर्स को वैक्सीन लगाई गई। गुरुवार को उनमें से 22 वॉलंटियर्स को बुलाकर पहले रक्त नमूने लिए गए। उन्हें जांच के लिए आइसीएमआर की दिल्ली की लैब भेजा गया। उसके बाद उन्हें वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाई गई। अब 14 दिन बाद फिर से सभी को बुलाया गया है। उनके रक्त नमूने लेकर जांच के लिए आइसीएमआर की लैब भेजेंगे। उसके बाद ही वैक्सीन के प्रभाव का पता चलेगा।

किसी को कोई समस्या नहीं

22 वॉलंटियर्स को किसी तरह का कोई रिएक्शन नहीं हुआ है। न ही किसी ने कोई शिकायत की है। पांच वॉलंटियर्स को मामूली समस्या हुई है, उसमें दो वॉलंटियर्स ने वैक्सीन लगाए जाने वाली जगह में हल्की लालिमा (रेडनेस) आने की बात बताई है। वहीं, तीन वॉलंटियर्स को वैक्सीन लगाने के दूसरे दिन हल्का बुखार आया था।

यह भी जानें : इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर भारत बायोटेक इंटरनेशन लिमिटेड ने कोरोना वायरस के निष्क्रिय वायरस से वैक्सीन तैयार की है। इसका जानवरों पर ट्रायल सुरक्षित रहा है। अब पहले और दूसरे चरण का ह्यूमन ट्रॉयल किया जा रहा है। वैक्सीन आरएन बेस्ड है।

  • 22 वॉलंटियर्स को 31 जुलाई को वैक्सीन लगी थी, उसका प्रभाव देखने के लिए पहले सभी का ब्लड सैंपल लिया गया है। इसके बाद उन सभी को वैक्सीन का बूस्टर डोज लगाया गया। उन्हें तीन घंटे तक अस्पताल में रोका गया, लेकिन किसी को कोई समस्या नहीं हुई। इन्हें फिर से 14 दिन बाद बुलाया गया है। उनका ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए आइसीएमआर को भेजेंगे। जहां जांच में पता करेंगे कि वैक्सीन लगने के बाद कितनी एंटी बॉडीज बनी, उसके टाइटर देखे जाएंगे। जिनता अ'छा टाइटर बनेगा, वैक्सीन उतनी ही प्रभावी होगी। आइसीएमआर से फाइनल जांच रिपोर्ट आने के बाद ही वैक्सीन के प्रभाव के बारे में बता सकेंगे। -प्रो. जेएस कुशवाहा, ट्रॉयल के चीफ गाइड, प्रखर हॉस्पिटल।

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