कई खूबियों वाला है हेपा फिल्टर मास्क, बच्चों का नहीं फूलेगा दम और कीमत भी काफी कम
कोरोना काल में आवागमन शुरू होने पर सीएसजेएमयू के डॉ. शाश्वत व रुहेलखंड विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर सौरभ मिश्रा ने मास्क बनाया है दावा है कि यह मास्क 0.3 माइक्रॉन के वायरस को 99 फीसद रोकने में सक्षम है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना काल में ट्रेन और बस समेत आवागमन के सभी साधन शुरू कर दिए गए हैं। ऐसे में कोरोना वायरस से सुरक्षा एक बड़ी चिंता है। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के इंस्टीट्यूट ऑफ बायो साइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. शाश्वत कटियार व रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली में असिस्टेंट प्रोफेसर सौरभ मिश्रा ने मिलकर फोल्डेड हेपे फिल्टर मास्क बनाया है। यह आंख, नाम व मुंह तीनों को सुरक्षित रखेगा। मास्क लगाने में सांस फूलने की दिक्कत भी इसमें नहीं आएगी।
मास्क में सॉफ्ट पॉली फैब्रिक की दो परतों के बीच सफेद रंग का हेपा फिल्टर लगाकर इसे बनाया गया है। तीन लेयर का यह मास्क यात्रा के दौरान भीड़ से बचने के लिए कारगर होगा। अस्पतालों में मरीजों के बीच इसे पहनकर वायरस से बचाव किया जा सकता है। यह मास्क 0.3 माइक्रॉन के वायरस को 99 फीसद रोकने में सक्षम है। विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला में सफल परीक्षण के बाद अब इसे आम आदमी तक पहुंचाने की तैयारी है। इसकी कीमत 100 रुपये होगी।
मोड़कर जेब में रखना होगा आसान
कोरोना वायरस से बचाव के लिए पीपीई किट के साथ डॉक्टर प्लास्टिक की शील्ड पहनते हैं। इस मास्क में उसका विकल्प भी है। मुंह व नाक के बचाव के लिए नीचे की ओर सॉफ्ट पॉली फैब्रिक और हेपा फिल्टर इस मास्क में लगा है जबकि आंख के बचाव के लिए हल्की प्लास्टिक लगाई गई है। मास्क को प्लास्टिक समेत मोड़कर जेब में रखा जा सकता है जबकि शील्ड को मोड़कर अपने साथ नहीं ले जाया जा सकता है।
स्कूली बच्चों के लिए भी लाभदायक
डॉ. शाश्वत कटियार ने बताया कि हेपा फिल्टर मास्क को धोकर कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है। धोने पर न तो मास्क के कपड़े के गुण बदलेंगे और न ही प्लास्टिक पर कोई असर पड़ेगा। यात्रा के दौरान यह बहुत कारगर होगा। स्कूली बच्चे भी इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।