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Coronavirus Disease Medicine: DRDO ने बनाई कोराना वायरस की दवा, लखनऊ, कानपुर और वाराणसी में होगा क्लीनिकल ट्रायल

Coronavirus Disease Medicine सीसीएमबी हैदराबाद और राष्ट्रीय विषाणु संस्थान पुणे में लैब टेस्टिंग में कोराना वायरस को खत्म करने में दवा कारगर साबित हुई है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 11:40 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 04:32 PM (IST)
Coronavirus Disease Medicine: DRDO ने बनाई कोराना वायरस की दवा, लखनऊ, कानपुर और वाराणसी में होगा क्लीनिकल ट्रायल
Coronavirus Disease Medicine: DRDO ने बनाई कोराना वायरस की दवा, लखनऊ, कानपुर और वाराणसी में होगा क्लीनिकल ट्रायल

कानपुर, [ऋषि दीक्षित]। Coronavirus Disease Medicine: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अचूक हथियार मिलने की खुशखबरी जल्द सामने आ सकती है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कोरोना की दवा तैयार कर ली है, जिसे ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने मरीजों पर परीक्षण (डी-कोडिंग स्टडी) की अनुमति दे दी है। डीआरडीओ ने उत्तर प्रदेश सरकार से किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) लखनऊ, गणोश शंकर विद्यार्थी स्मारक मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) कानपुर और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी के चिकित्सा विज्ञान संस्थान में दवा के क्लीनिक ट्रायल के लिए अनुमति मांगी थी।

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शासन ने केजीएमयू और जीएसवीएम में परीक्षण की अनुमति दे दी है। प्रदेश सरकार को भेजे पत्र में डीआरडीओ ने कहा है कि सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलीक्युलर बायोलॉजी हैदराबाद व राष्ट्रीय विषाणु संस्थान पुणे में सार्स-कोव-2 विषाणु में इस दवा का लैब परीक्षण किया गया है। यह दवा वायरस को खत्म करने में बहुत कारगर साबित हुई है।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने केजीएमयू और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति का पत्र भेजा है। मेडिकल कॉलेज की एथिकल कमेटी से अब अनुमति मिलते ही मरीजों पर दवा का परीक्षण शुरू कर दिया जाएगा। दवा के परीक्षण का मरीजों पर प्रभाव का अध्ययन करने वाली टीम के मुख्य गाइड ने कॉलेज की एथिकल कमेटी को प्रस्ताव भेजा है।

एनस्थीसिया के विशेषज्ञ करेंगे अध्ययन

कोविड-19 आइसीयू में भर्ती कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज एनस्थीसिया विभागाध्यक्ष की देखरेख में चल रहा है। इसलिए दवा के ट्रायल की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है। दवा का मरीज पर परीक्षण से लेकर उसके प्रभाव का अध्ययन उन्हें ही करना है।

डॉ. रेड्डीज लैब हैदराबाद को दवा बनाने की जिम्मेदारी

डीआरडीओ ने दवा निर्माण की जिम्मेदारी डॉ. रेड्रीज लैब हैदराबाद को दी है। चिकित्सकीय परीक्षण की जिम्मा नवीटास लाइफ साइंसेज को दिया गया है जो केजीएमयू और जीएसवीएम से संपर्क करेगी।

जानें-क्या कहना है इनका

डीआरडीओ ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए दवा खोज ली है। उसकी डी-कोडिंग स्टडी के लिए शासन से अनुमति मिल गई है। मरीजों पर ट्रायल से पहले कॉलेज की एथिकल कमेटी से अप्रूवल मांगा गया है। -प्रो. अपूर्व अग्रवाल, विभागाध्यक्ष, एनस्थीसिया, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।


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