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कोरोना संक्रमण के मरीज घटे तब दुरुस्त हुए वेंटिलेटर, अब तीसरी लहर की तैयारी में अफसर

कानपुर शहर में कोरोना संक्रमण से पीड़ित मरीजों ने इलाज और संसाधन के अभाव में दम तोड़ दिया और वेंटिलेटर खराब पड़े रहे। मंडलायुक्त की पहल के बाद अब दूसरी लहर धीमी पड़ने पर अस्पतालों में वेंटिलेटर दुरुस्त कराए जा रहे हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 11:57 AM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 11:57 AM (IST)
कोरोना संक्रमण के मरीज घटे तब दुरुस्त हुए वेंटिलेटर, अब तीसरी लहर की तैयारी में अफसर
कानपुर के सरकारी अस्पतालों का हाल ।

कानपुर, जेएनएन। जिले में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का पीक मार्च के अंतिम सप्ताह से मई के पहले सप्ताह तक रहा। अस्पतालों में सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध होने के बाद भी पीडि़तों को समय पर इलाज नहीं मिलने से सांसें थमने लगीं। वेंटिलेटर की कमी के कारण ही तमाम मरीजों की मौत हुई। दैनिक जागरण ने सरकारी अस्पतालों में खराब पड़े वेंटिलेटर का मुद्दा उठाया तो हरकत में आए मंडलायुक्त ने दुरुस्त कराने की कवायद शुरू की। इसके सुखद परिणाम अब आने लगे हैैं। तीसरी लहर की आशंका जताते हुए फिर से तैयारियों के निर्देश दिए जा रहे हैं। ऐसे में दैनिक जागरण ने शुक्रवार को हैलट, उर्सला और कांशीराम अस्पताल के वेंटिलेटरों का हाल जाना।

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पीएम केयर फंड से मिले थे वेंटिलेटर

अस्पतालों में वेंटिलेटर की कमी से मौतें होने पर विशेषज्ञों की टीम ने जिले में आकर निरीक्षण किया। उसके बाद प्रधानमंत्री केयर फंड से भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) निर्मित वेंटिलेटर मुहैया कराए गए थे।

हैलट में पांच वेंटिलेटर खराब, चल रही मरम्मत

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में 152 वेंटिलेटर हैं, जिसमें से पीएम केयर फंड से ९० वेंटिलेटर मिले हैं। काफी समय तक उनकी मरम्मत नहीं होने से यह ऐसे ही रखे थे। अब खराब पड़े सभी वेंटिलेटर की मरम्मत कराई गई है। प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने बताया कि १४७ वेंटिलेटर दुरुस्त हैं। सिर्फ ०५ वेंटिलेटर खराब हैं। उनकी मरम्मत के लिए कंपनी के कर्मचारी लगे हुए हैं। यहां पहले २६ एक्वा वेंटिलेटर भेजे गए थे, खराब पड़े हैं। उन्हें वापस लेने के लिए कंपनी को ईमेल किया गया था।

कांशीराम अस्पताल के सभी वेंटिलेटर दुरुस्त

कांशीराम अस्पताल में २० वेंटिलेटर हैं, उसमें से १४ वेंटिलेटर पीएम केयर फंड से मिले थे। अस्पताल में पांच वेंटिलेटर पहले से थे। बाद में एक और वेंटिलेटर आया था। कोविड हॉस्पिटल के आइसीयू में सभी २० वेंटिलेटर लगाए गए हैं, जो चालू हालत में हैं। सीएमएस डॉ. दिनेश सचान बोले इस बार कोई चूक नहीं होगी।

उर्सला में दो खराब वेंटिलेटर होने हैं वापस

उर्सला अस्पताल में २३ वेंटिलेटर हैं, उसमें से ११ पीएम केयर फंड से मिले थे। दो वेंटिलेटर खराब हैं, जिन्हें ठीक करने के लिए कई बार लिखा गया है। कंपनी ने वापस लेने के लिए पत्र भेजा है। उसकी जगह नए वेंटिलेटर आएंगे। आइसीयू में १६ वेंटिलेटर रखे हुए हैं, जो चालू हालत में हैं। उनमें से छह का आइसीयू में इस्तेमाल हो रहा है। एक-एक वेंटिलेटर अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में लगाए गए हैं। तीन वेंटिलेटर मेडिकल कॉलेज को दिए गए हैं।

कांशीराम अस्पताल

२० वेंटिलेटर (१४ वेंटिलेटर पीएम केयर फंड से मिले)

०१ वेंटिलेटर ज्योति कंपनी का

०५ वेंटिलेटर पहले से उपलब्ध

उर्सला अस्पताल

२३ वेंटिलेटर (११ पीएम केयर फंड से मिले)

१६ आइसीयू में चल रहे

०२ ऑपरेशन थियेटर में

०३ मेडिकल कॉलेज को दिए

०२ वेंटिलेटर होंगे वापस

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज

१५२ वेंटिलेटर (९० पीएम केयर फंड से मिले)

१४७ चालू हालत में हैं

०५ वेंटिलेटर की मरम्मत हो रही

२६ खराब पड़े एक्वा वेंटिलेटर होंगे वापस


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