Corona Vaccine Trial in Kanpur: तीसरे चरण के ट्रायल में सामने आए बेहतर परिणाम, वैक्सीनेशन के लिए तैयारियां पूरी
स्वदेशी कोवैक्सीन में वायरस के बीबीवी 152ए के मृत रूप का इस्तेमाल। कोवैक्सीन के दूसरे चरण के ट्रायल में कोरोना वायरस बीबीवी 152एबी स्ट्रेन इस्तेमाल किया गया। देशभर में 425 वालंटियर्स पर वैक्सीन का ट्रायल हुआ। इसमें माह के पहले और 29वें दिन वैक्सीन लगाई गई।
कानपुर, [ऋषि दीक्षित]। स्वदेशी कोवैक्सीन के ट्रायल में बड़े स्तर पर कामयाबी मिली है। भारत कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन तैयार कर लगाने से अब चंद कदम दूर है। स्वदेशी कोवैक्सीन में कोरोना वायरस का बीबीवी 152ए रूप (स्ट्रेन) को मृत अवस्था में डाला गया है, जो उसके संक्रमण की काट करेगा। तीसरे चरण के ट्रायल में बेहतर परिणाम से वैज्ञानिकों समेत इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के अधिकारी भी उत्साहित हैं। वहीं, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जनवरी 2021 में कोरोना वायरस के वैक्सीनेशन का शुभारंभ कर सकते हैं, जिसकी तैयारियां पूरी हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट््यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी) के निर्देशन में भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड, हैदराबाद ने कोरोना के वायरस के मृत स्ट्रेन से स्वदेशी कोवैक्सीन तैयार की है। सभी प्रक्रिया पूरी करके ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) से अनुमति मिलने के बाद इंसानों पर क्लीनिकल ट्रायल उत्तर प्रदेश के कानपुर समेत देश के 12 केंद्रों में किया गया।
पहले फेज में 375 वालंटियर्स पर ट्रायल
कोवैक्सीन के पहले फेज में कोरोना वायरस का बीबीवी 152एबीसी रूप इस्तेमाल किया गया। देश भर में जुलाई में ट्रायल की शुरुआत हुई और 375 वालंटियर्स को वैक्सीन लगी। शहर के सेंटर में 33 वालंटियर्स को वैक्सीन की दो डोज 14 दिन के अंतराल में लगाई गईं। खून की जांच में एंटीबॉडी के टाइटर भी बने।
दूसरे चरण के ट्रायल में लगाया दूसरा स्ट्रेन
कोवैक्सीन के दूसरे चरण के ट्रायल में कोरोना वायरस बीबीवी 152एबी स्ट्रेन इस्तेमाल किया गया। देशभर में 425 वालंटियर्स पर वैक्सीन का ट्रायल हुआ। इसमें माह के पहले और 29वें दिन वैक्सीन लगाई गई। शहर के सेंटर में 33 वालंटियर्स को वैक्सीन लगी। इसमें भी एंटीबॉडी के टाइटर अच्छे बने।
तीसरे चरण के शुरुआती परिणाम बेहतर
कोवैक्सीन के तीसरे चरण में देशभर में 25,800 वालंटियर्स पर कोरोना वायरस बीबीवी 152ए का स्ट्रेन इस्तेमाल किया गया। शहर के सेंटर में एक हजार वालंटियर्स को वैक्सीन लगाई गई है। पहली डोज का परिणाम बेहतर रहा है। इसमें एंटीबॉडी के टाइटर बेहतर बने हैं। दूसरी डोज 28 दिन बाद लगेगी।
इनका ये है कहना
वैक्सीन में तीसरे चरण के ट्रायल के पहले डोज में प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हुई। एंटी बॉडी के टाइटर भी दोनों चरणों के मुकाबले बेहतर बने हैं। अब वैक्सीन के इसी रूप को आगे बढ़ाया जाएगा। - डॉ. जेएस कुशवाहा, चीफ गाइड, कोवैक्सीन ट्रायल, प्रखर हॉस्पिटल, कानपुर।