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कोरोना की दहशत से कानपुर की सैडलरी इंडस्ट्री पर संकट के बादल, यूरोप के आयातकों ने रोके ऑर्डर

कोरोना की दूसरी लहर और लॉकडाउन का पड़ा असर। वहां कस्टम क्लीयरेंस कराने वाला कोई नहीं होने से दिक्कत। कारोबारियों के मुताबिक आयातकों का कहना है कि उनके यहां जब सब कुछ बंद है तो माल आने के बाद कस्टम क्लीयरेंस कौन कराएगा।

By ShaswatgEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 07:29 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 07:29 PM (IST)
कोरोना की दहशत से कानपुर की सैडलरी इंडस्ट्री पर संकट के बादल, यूरोप के आयातकों ने रोके ऑर्डर
विश्व में जितना भी सैडलरी का निर्यात होता है, उसका 95 फीसद निर्यात कानपुर से होता है।

कानपुर, जेएनएन। पिछले वित्तीय वर्ष में एक हजार करोड़ रुपये का निर्यात करने वाला सैडलरी (घोड़े की जीन) उद्योग अब संकट में है। यूरोप में कोरोना की दूसरी लहर को लेकर लॉकडाउन का असर कानपुर के निर्यातकों पर पड़ा है। आयातकों ने अपने ऑर्डर पत्र भेजकर रोक दिए हैं। उधर, इस वित्तीय वर्ष में अलग-अलग वस्तुओं में 10 से 30 फीसद की गिरावट भी दर्ज की गई है। 

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पूरे वर्ष के करार पर कोरोना ने लगाया ब्रेक 

कानपुर सैडलरी के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है। यहां कोई भी बहुत बड़ी इकाई नहीं है, लेकिन मध्यम और छोटी-छोटी करीब 500 इकाइयां निर्यात करती हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 में कानपुर ने एक हजार करोड़ रुपये की सैडलरी वस्तुओं का निर्यात किया था। इस साल कोरोना के कारण शुरुआत से ही यूरोप में माल भेजने में दिक्कतें रहीं। वहां थोड़ी स्थिति सही हुई तो भारत में लॉकडाउन हो गया। इसके बाद जब भारत में स्थिति सुधरी तो यूरोप में दूसरी लहर शुरू हो गई। इससे वहां फिर लॉकडाउन की स्थिति है। यूरोप की स्थिति सुधरने पर वहां से काफी ऑर्डर मिले थे, लेकिन अब लॉकडाउन के बाद आयातकों ने मेल करके सारे उत्पादन और शिपमेंट रुकवा दिए हैं। उधर, भारत में भी फिर संक्रमितों की संख्या बढऩे लगी है। कारोबारियों के मुताबिक, आयातकों का कहना है कि उनके यहां जब सब कुछ बंद है तो माल आने के बाद कस्टम क्लीयरेंस कौन कराएगा। यहां माल स्टॉक में बढ़ता रहेगा। बिक्री नहीं होगी, लेकिन भुगतान का मीटर चलता रहेगा। कोरोना के पलटकर आने से ऑर्डर टाले जा रहे हैं। 

अमेरिका में चुनाव की वजह से निर्यातक आशान्वित

अमेरिका में प्रतिदिन करीब एक लाख नए केस आ रहे हैं, लेकिन वहां राष्ट्रपति चुनाव की वजह से कारोबारी आशान्वित हैं कि जब तक बाइडन सीट पर नहीं बैठ जाएंगे, खींचतान के कारण लॉकडाउन नहीं लगेगा। इससे आपूर्ति होती रहेगी। 

पूरे एशिया का 95 फीसद निर्यात कानपुर से

विश्व में जितना भी सैडलरी का निर्यात होता है, उसका 95 फीसद निर्यात कानपुर से होता है। 

इनका ये है कहना 

10 से 30 फीसद तक निर्यात घटा है। आयातकों ने उत्पादन रुकने के कारण शिपमेंट रुकवा दिया है। कोरोना खत्म होने पर दोबारा उत्पादन शुरू होगा। - ताज आलम, सैडलरी निर्यातक।  


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