हैलो डॉक्टर : कोरोना नई बीमारी, इसलिए इलाज संग सुरक्षा-एहतियात जरूरी
सीनियर पीडियाट्रिक पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. राज तिलक ने दैनिक जागरण के कार्यक्रम में बताए कोरोना से बचाव के उपाय
जागरण संवाददाता, कानपुर : कोरोना एकदम नई बीमारी है। इसका संक्रमण होने पर सांस की नली, फेफड़े, हृदय और तंत्रिका तंत्र तेजी से प्रभावित होने लगता है। फेफड़े और दिल की मांसपेशियां क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। इसका फिलहाल कोई इलाज नहीं है। इसके लिए देश-विदेश में रिसर्च चल रहे हैं। इलाज के साथ सुरक्षा और एहतियात बरतना जरूरी है। यह बातें सीनियर पीडियाट्रिक पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. राज तिलक ने दैनिक जागरण के हैलो डॉक्टर में पाठकों के जवाब देते हुए कहीं, पेश है उसके अंश :
- कोरोना से स्वस्थ होने के बाद बहुत कमजोरी महसूस हो रही है। शुभ ओम शर्मा, कचहरी।
0 कोरोना से ठीक हो चुके एक तिहाई मरीजों में कोई न कोई समस्या हो रही है। इसे पोस्ट कोविड कॉम्पि्लकेशन कहते हैं। किसी प्रकार की समस्या होने पर विशेषज्ञ को दिखाएं।
- कोरोना से ठीक हो गए हैं, लेकिन चलने में सांस फूलने लगती है, क्या करें। प्रमोद कुमार चौहान, श्याम नगर।
0 कोरोना वायरस तेजी से फेफड़े की मांसपेशियों एवं खून की नसों को डैमेज करता है। कई मरीजों में लंग्स फाइब्रोसिस जैसे लक्षण भी सामने आए हैं, इसलिए मेडिकल कॉलेज के रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग में दिखा लें। - मधुमेह पीड़ितों के लिए कोरोना कितना घातक है। जुगल किशोर गुप्ता, के ब्लॉक, किदवई नगर।
0 सामान्य मरीजों की तुलना में मधुमेह पीड़ितों को कोरोना का संक्रमण होने का खतरा कई गुना अधिक होता है। कोरोना का संक्रमण होने पर आइसीयू में भर्ती होने की नौबत, गंभीरता एवं मौत की संभावना भी सामान्य मरीजों की तुलना में 8-10 गुना अधिक होती है। घर पर रहते हुए नियमित व्यायाम करते रहें और खानपान पर भी नियंत्रण रखें।
- अगर प्रसूता कोरोना संक्रमित है तो नवजात को स्तनपान करा सकते हैं। जयंती बाजपेई, साकेत नगर।
0 मां को कोरोना के लक्षण हो या कोरोना संक्रमित हो। स्तनपान कराना बंद नहीं करना चाहिए। अगर मां गंभीर स्थिति में है तो ही वैकल्पिक व्यवस्था करें। अगर मां संक्रमित है तो सुरक्षा व एहतियात बरतते हुए स्तनपान कराएं।
- स्कूल खुल गए हैं, क्या एहतियात बरते जाएं। जय प्रकाश साहू, नवाबगंज।
0 स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। इसका स्कूल प्रबंधन, शिक्षक एवं अभिभावक पूरी तरह से पालन करें। दो पाली में स्कूल खोले जाएं और बच्चों को एक दिन छोड़कर बुलाया जाए। सीटों के बीच में एक मीटर का फासला रहे। बच्चों को हाथ धोने के लिए लगातार प्रेरित करें। छुट्टी व लंच में एक साथ बच्चों को न निकालें। बस में भी शारीरिक दूरी का पालन कराएं।
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- 60 फीसद में विटामिन डी की कमी है, इसलिए धूप में जरूर बैठें और शरीर को सीधे धूप लगनी चाहिए।
- मूंगफली में प्रचूर मात्रा में जिक होता है, इसलिए बच्चों को मूंगफली को पेस्ट बनाकर खिलाएं और बड़े सीधे ही खाएं।
- विटामिन सी के लिए टमाटर, नीबू, अमरूद, आंवला का नियमित सेवन करें।
- नियमित 30 मिनट से लेकर एक घंटे तक व्यायाम जरूर करें।
- आठ घंटे की नींद जरूर पूरी करें।
- प्रदूषण से बच कर रहें, श्वांस नलियों में दिक्कत हो सकती है।
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इन्होंने भी किए सवाल
बर्रा एक से प्रशांत शुक्ला, आवास विकास कल्याणपुर से सुधा अवस्थी, पार्वती नगर से सुधीर दीक्षित, गोविद नगर से आरके त्रिपाठी, गोविद नगर से रीमा, हंसपुरम से राम प्रकाश शुक्ला, अशोक अग्रवाल किदवई नगर।