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घाटमपुर में उपहास का पात्र बन गए कांग्रेसी, राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन में लिखी ऐसी बात

किसानों की समस्याओं को लेकर किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने घाटमपुर तहसील जाकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा था। इसमें क्रय केंद्र पर किसानों से धान खरीद को लेकर कई तरह के आरोप लगाए हैं। इसमें लिखी बात पर खुद फंस गए हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 09:56 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 09:06 AM (IST)
घाटमपुर में उपहास का पात्र बन गए कांग्रेसी, राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन में लिखी ऐसी बात
घाटमपुर तहसील में कांग्रेसियों ने ज्ञापन दिया है।

कानपुर, जेएनएन। राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के प्रदेश की बागडोर संभालने के बाद 2022 के विधानसभा आम चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस के नेता अपने संबोधन में विपक्षी सरकार पर लगातार तीखा हमला बोल रहे हैं। इसी कड़ी में किसानों की समस्याओं को लेकर आवाज उठाने का प्रयास कर रहे कानपुर ग्रामीण के कुछ कांग्रेस नेताओं पर दांव उल्टा पड़ गया और मुंह की खानी पड़ गई। तहसीलदार को सौंपे गए राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन में कुछ ऐसा लिख दिया कि खुद ही उपहास का पत्र बन गए। अब कांग्रेसियों को उसका जवाब देते नही बन रहा है।

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किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नरेंद्र चंचल कुशवाहा के नेतृत्व में बुधवार दोपहर घाटमपुर की तहसील में पहुंचे पदाधिकारियों ने तहसीलदार विनीत कुमार को राज्यपाल को संबोधित चार सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। इसमें टोकन जारी होने के बावजूद आढ़तियों का धान खरीदे जाने एवं क्रय केंद्र पर पहुंचने वाले किसानों से कटौती आदि का आरोप लगाया गया है। राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन के बिंदु संख्या तीन में कहा गया है कि किसानों को 10 से 15 दिन इंतजार का टोकन दिया जाता है, जिससे किसान का धान सूख रहा है।

किसानों का धान सूखने और सूखा धान ही क्रय केंद्र में बिकने का सवाल जब किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष नरेंद्र चंचल कुशवाहा से पूछा गया, तो वह बगले झांकने लगे। उन्होंने स्वीकारा कि यह बिंदु गलत है, इसकी जगह धान खराब होने या सड़ने की बात लिखी जानी चाहिए थी। उन्होंने खुद की सफाई देते हुए कहा कि ज्ञापन का फार्मेट प्रदेश कार्यालय से भेजा गया था, जिसे लेटर हेड पर टाइप व हस्ताक्षर करके भेजने के निर्देश थे। इसलिए उसी फार्मेट को टाइप करा दिया गया।


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