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Lockdown की छूट में बिजली के बिल का करंट, जानें-कैसे काटी जा रही उपभोक्ताओं की जेब

दो से ढाई माह की एक साथ रीडिंग के आधार पर उच्चतम स्लैब का बिल रेट वसूला जा रहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 12:19 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 12:19 PM (IST)
Lockdown की छूट में बिजली के बिल का करंट, जानें-कैसे काटी जा रही उपभोक्ताओं की जेब
Lockdown की छूट में बिजली के बिल का करंट, जानें-कैसे काटी जा रही उपभोक्ताओं की जेब

कानपुर, [महेश शर्मा]। लॉकडाउन-4.0 में छूट मिलने के बाद अब बिजली का बिल उपभोक्ताओं को करंट मारेगा। विद्युत वितरण कंपनियों ने शहरी व ग्रामीण उपभोक्ताओं के घरों में रीडिंग लेकर एकमुश्त बिल जारी करना शुरू कर दिया। दो से ढाई माह की एक साथ रीडिंग से बिल उच्चतम स्‍लैब पार कर रहा है। इस तरह विद्युत वितरण कंपनियों ने उपभोक्ताओं की जेब काटनी शुरू कर दी है और उपभोक्ता खुद को ठगा महसूस कर रहा है। लॉकडाउन में गरीबों समेत आमजन को राहत दे रही सरकार ने भी अभी इस ओर ध्यान नहीं दिया है।

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लॉकडाउन में बंद थी डोर-टू-डोर मीटर रीडिंग

लॉकडाउन शुरू होने पर मार्च के पहले पखवारे में रीडिंग लेकर फरवरी माह के बिल जारी किए गए थे। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू एवं इसके बाद लाकडाउन शुरू हो जाने के चलते उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने आदेश जारी कर डोर टू डोर मीटर रीडिंग, बिल वितरण एवं जमा काउंटरों को खोलने पर रोक लगा उपभोक्ताओं के मोबाइल व ई मेल पते पर बिल भेजे थे। उपभोक्ताओं को इन बिलों का आनलाइन भुगतान के लिए प्रोत्साहित किया गया था।

लॉकडाउन-4.0 में छूट के बाद शुरू हुई रीडिंग

लॉकडाउन-4.0 में छूट के बाद उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एम देवराज ने दक्षिणांचल, मध्यांचल, पूर्वांचल, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड एवं केस्को कानपुर के प्रबंध निदेशकों को पत्र भेज कर रेड जोन के कंटेनमेंट जोन को छोड़ कर अन्य क्षेत्रों में मास्क व सैनिटाइजर का प्रयोग करते हुए विभिन्न बिलिंग एजेंसियों के माध्यम से मीटर रीडिंग शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद मई के दूसरे पखवारे में बिलिंग एजेंसियां मीटर रीडिंग के लिए मैदान में उतरी हैं और अधिकांश विद्युत वितरण कंपनियों ने बिल जमा करने की अंतिम तिथि भी 31 मई निर्धारित की गई है।

दो से ढाई गुना बढ़े बिल थमाए जा रहे

कोविड-19 लाकडाउन के चलते दो माह से देश प्रदेश में काम धंधे बंद हैं। रोजी रोटी का संकट देख सरकार गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न व बैंक खातों में पैसे भेज मदद कर रही है। दूसरी ओर विद्युत वितरण कंपनियों ने शहरी व ग्रामीण उपभोक्ताओं के घरों में दो-ढाई माह बाद एकमुश्त रीडिंग लेकर बिल जारी करना शुरू किया है। ऐसे में रीडिंग के उच्चतम स्लैब पार करने के कारण उन्हें दो से ढाई गुना बिल थमाए जा रहे हैं।

यूं काटी जा रही उपभोक्ता की जेब

यूपी इलक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (यूपीईआरसी) से अनुमोदन के बाद 12 सितंबर 2019 से नया टैरिफ प्लान लागू किया गया था। इमें एलएमवी-1 के तहत आने वाले घरेलू लाइन व पंखा (शहरी) श्रेणी के उपभोक्ताओं को चार श्रेणियों में बांटा गया था। 0-150 यूनिट के बीच उपभोग करने पर 5.50 रुपये, 151 से 300 के बीच 6.00 रुपये, 301 से 500 यूनिट के लिए 6.50 रुपये एवं 501 यूनिट से उपर के लिए 7.00 रुपये प्रति यूनिट की दर लागू है। ग्रामीण क्षेत्र के घरेलू पंखा बिजली वाले उपभोक्ताओं को बिजली उपभोग के पांच स्लैब में बांटा गया है। 0-100 यूनिट के मध्य 3.35 रुपये, 101 से 150 के मध्य 3.85 रुपये, 151 से 300 के मध्य 5.00 रुपये, 300 से 500 के मध्य 5.50 रुपये व 501 से अधिक बिजली उपभोग करने वालों के लिए 6.00 रुपये प्रति यूनिट की दर निर्धारित है। यह स्लैब प्रतिमाह बिलिंग के लिए निर्धारित हैं।

फरवरी माह की बिलिंग मार्च माह के पहले सप्ताह में की गई थी। अब लाकडाउन-4 में मिली छूट के बाद मई माह के दूसरे पखवारे में करीब ढाई माह बाद मीटर रीडिंग हो रही है। जाहिर है कि प्रति माह औसतन डेढ़ सौ यूनिट वाले उपभोक्ता भी 500 यूनिट का आंकड़ा पार कर गए हैं। इससे प्रतियूनिट दर भी 6.50 से सात रुपये के गुणा के आधार बिल वसूला जा रहा है। इस तरह प्रतिमाह आने वाले बिल के हिसाब से उन्हें दोगुना बिल भुगतान करना पड़ेगा। लाॅकडाउन की मार के बाद उसे बिजली के बिल के करंट का झटका भी लगने वाला है।

इनकी भी सुनिए

बिल्कुल सही बात है, बिल को दो हिस्सों में बांटकर स्लैब तय करना चाहिए। मैं डायरेक्टर से तुरंत बात करके साफ्टवेयर चेंज कराने का प्रस्ताव देता हूं। इस तरह तो विद्युत उपभोक्ताओं के साथ वास्तव में भारी अन्याय होगा। -राजेंद्र प्रसाद, मुख्य अभियंता (कानपुर क्षेत्र), दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड


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