22 लाख रुपये की ठगी, इस तरह झांसे में लेकर फंसाए गए शिकार
सहायता प्राप्त स्कूलों में नौकरी दिलाने के नाम पर कोचिंग संचालक ने की टप्पेबाजी, एक नामी स्कूल में संविदा पर पढ़ाता था।
By Edited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 12:40 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 11:23 AM (IST)
कानपुर, जेएनएन। नवाबगंज के एक प्रतिष्ठित डिग्री कॉलेज में संविदा पर पढ़ा चुके कोचिंग संचालक ने चार छात्रों से नौकरी के नाम पर 22 लाख रुपये लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिए। इसका खुलासा सहायता प्राप्त विद्यालयों में लिपिक पद ज्वाइन करने के लिए पहुंचने पर हुआ। पीड़ितों ने एसएसपी अनंत देव से न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
केशवनगर निवासी एक युवक नवाबगंज स्थित डिग्री कॉलेज में संविदा पर पढ़ाने के साथ रामबाग में कोचिंग भी चलाता था। जहां बर्रा आठ निवासी अनूप व सिविल लाइन निवासी शैलेंद्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के साथ कामर्स पढ़ने जाते थे। दोनों का आरोप है कि शिक्षक ने उन्हें सहायता प्राप्त विद्यालय में नौकरी दिलाने की बात कही। दोनों ने चार किश्तों में छह-छह लाख रुपये दे दिए। इसके बाद अनूप ने अपनी बहन ममता, रिश्तेदार प्रियंका और दोस्त नितिश सचान को अपनी नौकरी लगने की बात कही।
इस पर नितिश व प्रियंका ने नौकरी लगवाने के एवज में पांच-पांच लाख रुपये दिए। इस दौरान टप्पेबाज शिक्षक ने बाकायदा फार्म भराया और बाई पोस्ट नियुक्ति पत्र भी भिजवाया। संबंधित स्कूल पहुंचने पर नियुक्ति पत्र फर्जी निकला। कोचिंग संचालक के घर पहुंचे तो घर खाली करके चला गया। फोन करने पर धमकी देना शुरू कर दिया।
फर्जी वेबसाइट बना छात्रों को किया गुमराह
टप्पेबाज शिक्षक ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की फर्जी वेबसाइट बनाई। इसके माध्यम से छात्रों को फार्म भरने से लेकर रिक्त पदों तक के विषय में बताया। उस पर जारी लिस्ट भी डाली, जिससे उन्हें भ्रम न हो और अंतिम किस्त दे दें। आखिरी किस्त मिलते ही वेबसाइट बंद कर दी। जारी सूची में 30 लोगों के नाम, बड़ी टप्पेबाजी की आशंका फर्जी वेबसाइट पर जारी सूची में पीड़ित युवकों के साथ ही 26 अन्य युवकों का नाम है। इससे पुलिस को आशंका है कि इन लोगों को भी टप्पेबाज शिक्षक ने शिकार बनाया होगा। पुलिस पूरे मामले की जांच के साथ जारी लिस्ट में शामिल छात्रों के विषय में पता लगा रही है। एसएसपी अनंतदेव तिवारी ने बताया कि नौकरी के नाम पर ठगी मामले की जांच कोतवाली पुलिस को सौंपी गई है। जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
केशवनगर निवासी एक युवक नवाबगंज स्थित डिग्री कॉलेज में संविदा पर पढ़ाने के साथ रामबाग में कोचिंग भी चलाता था। जहां बर्रा आठ निवासी अनूप व सिविल लाइन निवासी शैलेंद्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के साथ कामर्स पढ़ने जाते थे। दोनों का आरोप है कि शिक्षक ने उन्हें सहायता प्राप्त विद्यालय में नौकरी दिलाने की बात कही। दोनों ने चार किश्तों में छह-छह लाख रुपये दे दिए। इसके बाद अनूप ने अपनी बहन ममता, रिश्तेदार प्रियंका और दोस्त नितिश सचान को अपनी नौकरी लगने की बात कही।
इस पर नितिश व प्रियंका ने नौकरी लगवाने के एवज में पांच-पांच लाख रुपये दिए। इस दौरान टप्पेबाज शिक्षक ने बाकायदा फार्म भराया और बाई पोस्ट नियुक्ति पत्र भी भिजवाया। संबंधित स्कूल पहुंचने पर नियुक्ति पत्र फर्जी निकला। कोचिंग संचालक के घर पहुंचे तो घर खाली करके चला गया। फोन करने पर धमकी देना शुरू कर दिया।
फर्जी वेबसाइट बना छात्रों को किया गुमराह
टप्पेबाज शिक्षक ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की फर्जी वेबसाइट बनाई। इसके माध्यम से छात्रों को फार्म भरने से लेकर रिक्त पदों तक के विषय में बताया। उस पर जारी लिस्ट भी डाली, जिससे उन्हें भ्रम न हो और अंतिम किस्त दे दें। आखिरी किस्त मिलते ही वेबसाइट बंद कर दी। जारी सूची में 30 लोगों के नाम, बड़ी टप्पेबाजी की आशंका फर्जी वेबसाइट पर जारी सूची में पीड़ित युवकों के साथ ही 26 अन्य युवकों का नाम है। इससे पुलिस को आशंका है कि इन लोगों को भी टप्पेबाज शिक्षक ने शिकार बनाया होगा। पुलिस पूरे मामले की जांच के साथ जारी लिस्ट में शामिल छात्रों के विषय में पता लगा रही है। एसएसपी अनंतदेव तिवारी ने बताया कि नौकरी के नाम पर ठगी मामले की जांच कोतवाली पुलिस को सौंपी गई है। जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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