डरे छात्रों का मोबाइल नंबर देकर सीओ बोले, सीएसए में अब अराजकता हुई तो ठिकाना जेल होगा Kanpur News
सीओ ने जूनियर छात्रों से जानकारी लेकर उपद्रवियों को चेताया कहा कि ऐसी घटनाएं रुकेंगे तो बढ़ेगा विवि का रुतबा।
कानपुर, जेएनएन। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) में जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग, मारपीट और तोडफ़ोड़ के मामले में पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है। मंगलवार को सीओ स्वरूप नगर अजीत सिंह चौहान की अगुवाई में नवाबगंज, काकादेव समेत कई थानों की पुलिस ने विश्वविद्यालय के तिलक, भगत सिंह, आंबेडकर व सरस्वती छात्रावासों में छात्रों से पूछताछ की। सीओ ने चेताया कि अराजकता करने वालों का ठिकाना जेल होगा।
सीओ ने अपना मोबाइल नंबर छात्रों को देकर कहा कि कोई सहपाठी भविष्य में ऐसा काम करे तो फोन करके सूचना दें। इससे ऐसी घटनाएं थमेंगी तो विश्वविद्यालय व आपका रुतबा बढ़ेगा। मारपीट की घटनाओं से विश्वविद्यालय का नाम खराब होता है और आपके कॅरियर पर भी असर पड़ता है। फिलहाल सीएसए परिसर में शांति है लेकिन दहशत का माहौल है। बता दें कि रविवार रात सीएसए में सीनियर छात्रों ने छात्रावासों में तोडफ़ोड़ की थी। जूनियर छात्रों को मुर्गा बनाकर पिटाई की गई थी। रात में सीएसए अधिकारियों व पुलिस के पहुंचने पर हमलावर छात्र भाग गए थे।
घटना बताकर भर आईं जूनियर छात्रों की आंखें
राय साहब राम प्रसाद व जीसी बोस छात्रावास में हुई घटना बताते-बताते जूनियर छात्रों की आंखें भर आईं। उन्होंने सीओ को बताया कि इतने सारे छात्रों के जबरन छात्रावास में घुसने से इतनी दहशत है कि अब तो रात में डर लगता है।
अज्ञात छात्रों पर मुकदमा
रैगिंग, छात्रावास में तोडफ़ोड़ और अराजकता करने वाले छात्रों के खिलाफ गार्ड की शिकायत पर नवाबगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अब उपद्रवी छात्रों की तलाश में है।
यूजीसी तक पहुंचा रैगिंग का मामला
रैगिंग का मामला विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) तक पहुंच गया है। यूजीसी ने सीएसए प्रशासन से जवाब मांगा है। मामले की जांच के लिए कुलपति प्रोफेसर सुशील सोलोमन ने छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. एचपी सिंह को आदेश दिए हैं। उनकी अध्यक्षता में गठित कमेटी जांच करके कुलपति को रिपोर्ट सौंपेगी। छात्रों की पहचान करने के लिए वार्डनों को भी निर्देश दिए गए हैं।
मारपीट के आरोपित छात्रों पर निष्कासन की तलवार
बीते सप्ताह ए ब्लॉक में हुई मारपीट मामले में भी सीएसए प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है। आरोपित छात्रों को नोटिस देकर दो सेमेस्टर के लिए निष्कासित किया जा सकता है। इसकी संस्तुति वार्डन समिति की बैठक में की गई है। उनकी छात्रवृत्ति भी रोकी जा सकती है। मारपीट में चार छात्रों का चालान पुलिस ने किया था।