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स्वच्छता सर्वेक्षण में गंगा मैया ने बचाई थी कानपुर की लाज, लेकिन शहर का कूड़ा फिर न फेर दे पानी

स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 शुरू हो गया है। मार्च में केंद्रीय टीम शहर का निरीक्षण करेगी। लेकिन शहर के हर वार्ड से अभी तक कूड़ा उठाने की योजना धरातल पर नहीं आयी है। ऐसे में टाप टेन में आने का सपना फिर टूट सकता है।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 03:30 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 03:30 PM (IST)
स्वच्छता सर्वेक्षण में गंगा मैया ने बचाई थी कानपुर की लाज, लेकिन शहर का कूड़ा फिर न फेर दे पानी
कूड़ा उठाने के लिए 27 छोटे वाहन ही अभी तक खरीद पाया निगम।

कानपुर, जागरण संवाददाता। स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 शुरू हो गया है। केंद्रीय टीम मार्च माह में सर्वे शुरू करेगी, लेकिन अभी तक नगर निगम हर घर से कूड़ा नहीं उठा पाया है। कूड़ा निस्तारण में भी वह फिसड्डी साबित हुआ है। घरों के बाहर और गलियों में बिखरा कूड़े का ढेर शहर की सुंदरता को मुंह चिढ़ा रहे हैं। 2016 में हर वार्ड से कूड़ा उठान की योजना बनाने के बाद पांच साल बीत गए लेकिन 50 प्रतिशत वार्डों में भी व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई। वहीं, अधिकारी सर्वेक्षण में शहर को टाप टेन में शामिल कराने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि कूड़ा उठान और निस्तारण दोनों बिंदुओं पर निगम पिछड़ा हुआ है।

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20 प्रतिशत वाहन भी नहीं खरीदे सके अभी तक

नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने मार्च तक हर वार्ड और हर घर से कूड़ा उठान सुनिश्चित करने को कहा है। इसको लेकर वाहन खरीदे जा रहे हैं लेकिन अभी तक बीस प्रतिशत वाहन भी नहीं आ पाए हैं। 150 छोटे वाहन खरीदने की योजना है, जिसमें से अभी तक मात्र 27 वाहन ही आए हैं। ऐसे में हर घर से कूड़ा उठान की व्यवस्था दम तोड़ती नजर आ रही है। 

50 प्रतिशत वार्डों में भी नहीं उठ रहा कचरा

-वर्ष 2009 में हर वार्ड से कूड़ा उठता था।

-वर्ष 2013 में हर घर से कूड़ा उठाने का काम बंद हो गया। 

-वर्ष 2016 में पूर्व नगर आयुक्त ने हर वार्ड से कूड़ा उठाने की कार्य योजना बनाई गई।

-वर्ष 2022 तक हालत यह कि अभी तक पचास फीसद वार्डों में नहीं उठ रहा कूड़ा

-24 वार्डों में गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग उठाने का दावा 

मौजूदा रफ्तार से तो दो साल लग जाएंगे

भाऊ सिंह पनकी में कूड़ा डंपिंग ग्राउंड में रोज आने वाला साढ़े नौ सौ मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण हो रहा है। वहीं, पहले से एकत्र पुराने 15 लाख मीट्रिक टन कूड़े में से रोज दो हजार मीट्रिक टन का ही निस्तारण हो रहा है। इस रफ्तार से कूड़े का यह पहाड़ खत्म करने में दो साल लग जाएंगे।

गंगा ने बढ़ाई रैंकिंग

गंगा में गिर रहे नालों को बंद करने और दूषित पानी को ट्रीट करने के बाद स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में शहर की रैकिंग बढ़ी थी। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में 63 स्थान से वर्ष 2021 की रैकिंग में शहर 25वें स्थान पर पहुंच गया था।

लाभ मिलेगा 

हर घर से सीधे गीला व सूखा कूड़ा उठने लगेगा तो सड़क पर गंदगी नहीं आएगी। नाली व सड़कें साफ रर्हंगी। कर्मचारियों से दूसरे कार्य कराए जा सकते हैं।  

खुले में जाता कूड़ा 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी खुले वाहनों में कूड़ा जा रहा है जबकि सभी चालकों को तिरपाल डालकर ले जाने को कहा गया है। खुले में कूड़ा जाने के कारण गिरता रहता है। कई बार पीछे आ रहे वाहन चालक पर कचरा गिर जाता है। 

यहां फैली रहती गंदगी 

सर्वोदयनगर, न्यू सिविल लाइंस, यशोदानगर, जरौली, अफीम कोठी, विश्वबैंक बर्रा, पनकी समेत कई जगह फैली गंदगी व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। 

तीन साल की रैंकिंग

वर्ष   रैंकिंग

2019- 65

2020 - 63

2021- 25

बोले जिम्मेदार : अभी सभी घरों से कूड़ा नहीं उठ पा रहा है। इसके लिए टीमें लगाई जा रही हैं। वाहन भी खरीदे जा रहे हैं। मार्च तक व्यवस्था दुरुस्त कर दी जाएगी। - डॉ अजय संखवार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम


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