महाकवि और महापंडित के संगम का गवाह है क्राइस्टट चर्च कॉलेज
महापंडित राहुल सांकृत्यायन, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई, प्रसिद्ध अभिनेता इफ्तिखार खान और डा. ललित मोहन अवस्थी के जूनियर थे महाकवि गोपाल दास नीरज
बृजेश दुबे, कानपुर : अलीगढ़ से कानपुर पढ़ने आए 'गोपाल दास' को खुद नियति ही 'महाकवि नीरज' बनाना चाहती थी। शायद यही कारण था कि उन्हें अनजान शहर में वह विभूतियां मिलती गईं, जिन्होंने न केवल उन्हें ठौर दिया बल्कि उनकी साहित्यिक अभिरूचि को भी समृद्ध करते रहे। गोपाल दास नीरज ने क्राइस्ट चर्च कॉलेज से बीए और एमए किया।
अलीगढ़ से कानपुर आने के दौरान गोपाल दास नीरज की मुलाकात प्रगतिशील लेखक संघ के उपाध्यक्ष पं ललित मोहन अवस्थी से हुई। वह क्राइस्ट चर्च कालेज में बीए फाइनल ईयर के स्टूडेंट थे। महापंडित राहुल सांकृत्यायन, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई और प्रसिद्ध चरित्र अभिनेता इफ्तिखार खान भी उनके सहपाठी थे। पं अंवस्थी ने बाद में 'खड़ी बोली ¨हदी का सामाजिक इतिहास' पुस्तक लिखी और कामाहार सिद्धांत से भाषा उत्पत्ति पर शोध भी किया और पत्रकारिता में योगदान दिया। साहित्यिक अभिरूचि से समृद्ध गोपालदास नीरज की मुलाकात पं. अवस्थी से हुई तो दोनों के विचार मिले। अवस्थी जी ने उन्हें शिवाला के गिलिस बाजार राममोहन हाता स्थित अपने घर का बैठका रहने के लिए दे दिया। चूंकि अवस्थी जी साहित्यिक रूप से बेहद सक्रिय थे, इसलिए उनकी महापंडित राहुल सांकृत्यायन के साथ गोष्ठी होती थी। इसी गोष्ठी के दौरान महाकवि गोपाल दास नीरज और राहुल सांकृत्यायन आपस में संपर्क में आए। बताते हैं, राहुल सांकृत्यायन ने उनकी कविताओं को सुनकर बहुत आगे तक जाने का संभावना व्यक्त की थी। छात्र जीवन में ही साहित्यिक गोष्ठियों में जाने और कविता पाठ से नीरज जी कालेज में प्रसिद्ध होने लगे थे। कई कवि गोष्ठियों में नीरज जी और अटल जी ने साथ साथ गीत पढ़े। इन गोष्ठियों में राहुल सांकृत्यायन भी होते थे। पं. ललित मोहन अवस्थी के पुत्र वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अवस्थी का कहना है कि यह व्यक्तिगत क्षति है। महाकवि पिता जी को हमेशा बड़े भैया कहते थे।