चित्रकूट के निलंबित जेई प्रकरण में आया नया मोड़, जमानत अर्जी में रामभवन की पत्नी ने कही ये बात
अपर सत्र न्यायाधीश पंचम मो. रिजवान की अदालत में आरोपित निलंबित जेई रामभवन की पत्नी दुर्गावती की ओर से अधिवक्ता भूरा प्रसाद निषाद ने उसकी जमानत के लिए 12 जनवरी को अर्जी दाखिल की थी जिस पर 18 जनवरी को बहस होनी है।
बांदा, [शैलेंद्र शर्मा]। बात में कितनी दम है, ये तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा, लेकिन जेल में बंद दुर्गावती ने अदालत में दाखिल की गई अर्जी में अपने पति निलंबित जेई रामभवन के विषय में चौंका देने वाला खुलासा किया है। उसने दावा किया है कि वह बच्चे की चाहत में प्रयागराज के दो नर्सिंग होम में अपना इलाज करा रही थी।
खुलासा करते हुए ये बोली रामभवन की पत्नी
अपर सत्र न्यायाधीश पंचम मो. रिजवान की अदालत में आरोपित निलंबित जेई रामभवन की पत्नी दुर्गावती की ओर से अधिवक्ता भूरा प्रसाद निषाद ने उसकी जमानत के लिए 12 जनवरी को अर्जी दाखिल की थी, जिस पर 18 जनवरी को बहस होनी है। जमानत अर्जी में दुर्गावती के हवाले से अधिवक्ता ने कहा है कि वो निर्दोष है। पति के कुकृत्यों से उसका कोई संबंध नहीं है। उसके खिलाफ कोई साक्ष्य भी नहीं हैं। वह नि:संतान है। इसकी वजह उसके पति का शारीरिक रूप से अक्षम होना है। आइवीएफ तकनीक से बच्चा पाने के लिए प्रयागराज के दो नर्सिंग होम में फरवरी 2017 में इलाज शुरू कराया था। आठ सितंबर 2020 तक इलाज चला। उसने इलाज के दौरान डॉक्टर के लिखे पर्चे भी अदालत में दाखिल करके खुद को बेगुनाह बताया है।
कहा है पति के शारीरिक रूप से अक्षम होने के कारण इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आइवीएफ) तकनीक का सहारा ले रही है। उल्लेखनीय है कि चित्रकूट के कर्वी में सिंचाई विभाग में तैनात निलंबित जूनियर इंजीनियर रामभवन को सीबीआइ ने 50 से अधिक बच्चों के यौन शोषण के मामले में 16 नवंबर को बांदा से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसकी पत्नी दुर्गावती को गवाहों को धमकाने और अन्य आरोपों में सहअभियुक्त बनाते हुए 28 दिसंबर को नरैनी स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया था। दोनों बांदा जेल में बंद हैं।