चित्रकूट यौन शोषण केस: निलंबित जेई की पत्नी को नहीं मिली जमानत, दस दिन बाद होगी रिमांड पर सुनवाई
आरोपित के अधिवक्ता ने किया नाट प्रेस सीबीआइ जल्द दाखिल करेगी आरोप पत्र - बच्चों के यौन शोषण के आरोपित निलंबित जेई और उसकी सह अभियुक्त पत्नी का मामला। साक्ष्यों के आधार उसकी पत्नी दुर्गावती की गिरफ्तारी 28 दिसंबर को नरैनी से हुई थी। दोनों बांदा जेल में बंद हैं।
बांदा, जेएनएन। 50 से अधिक बच्चों के यौन शोषण के आरोपित निलंबित जेई रामभवन और उसकी सह अभियुक्त पत्नी दुर्गावती के मामले में मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश पंचम मो. रिजवान अहमद की अदालत में सुनवाई हुई। दुर्गावती के अधिवक्ता भूरा प्रसाद निषाद ने सुनवाई के दौरान जमानत अर्जी को नाट प्रेस यानी बलहीन करके वापस ले लिया। इस पर न्यायाधीश ने जमानत अर्जी खारिज कर दी। अब दोनों की रिमांड को लेकर 12 फरवरी को सुनवाई होगी। उधर, इसी बीच सीबीआइ अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल कर सकती है।
कुद ऐसी रही न्यायालय में कार्रवाई
मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश पंचम मो. रिजवान अहमद की अदालत में सीबीआइ के डिप्टी एसपी अमित कुमार के नेतृत्व में पूरी टीम पहुंची। जमानत अर्जी दाखिल करने वाले अधिवक्ता भूरा प्रसाद पहले पॉक्सो की बढ़ी हुई धाराओं में शपथ पत्र दाखिल करना चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने दुर्गावती की जमानत अर्जी को नाट प्रेस कर दिया। उल्लेखनीय है कि चित्रकूट के कर्वी में ङ्क्षसचाई विभाग में तैनात निलंबित जेई रामभवन को सीबीआइ ने 16 नवंबर को बांदा से गिरफ्तार किया था। साक्ष्यों के आधार उसकी पत्नी दुर्गावती की गिरफ्तारी 28 दिसंबर को नरैनी से हुई थी। दोनों बांदा जेल में बंद हैं।
13 फरवरी को पूरी हो रही चार्जशीट पेश करने की मियाद
सीबीआइ को मामले की चार्जशीट 13 फरवरी तक पेश करनी है। दुर्गावती के अधिवक्ता भूरा प्रसाद ने बताया कि इसके बाद ही जमानत अर्जी फिर से दाखिल करेंगे। उधर, आरोपितों के खिलाफ सीबीआइ अब तक 25 बच्चों के धारा 164 के तहत कोर्ट में बयान दर्ज करा चुकी है।