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Children Physical Abuse Case: बड़ी मुश्किल में आरोपित जेई ने तोड़ी चुप्पी, कहा बरामद मोबाइल घरेलू

जेल में भी साधे चुप्पी नहाने-खाने में नहीं दिखा रहा रुचि। कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने पर रखा गया 15 नंबर बैरक में। बुधवार को दोबारा न्यायालय में पेशी के बाद उसे कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बैरक नंबर चार-बी में रखा गया।

By ShaswatgEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 08:57 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 08:57 PM (IST)
Children Physical Abuse Case: बड़ी मुश्किल में आरोपित जेई ने तोड़ी चुप्पी, कहा बरामद मोबाइल घरेलू
खुद को साजिश रचकर फंसाने व बरामद मोबाइल घरेलू होने की बात कहता है।

कानपुर, जेएनएन। बाल यौन शोषण का आरोपित निलंबित जेई जेल में भी सहमा है। किसी बंदी से अपनी ओर से कोई बात नहीं कर रहा है। काफी कुरेदने पर सिर्फ इतना कहा कि उसके घर से कोई सामान बरामद नहीं हुआ है। सीबीआइ टीम को मिले मोबाइल भी घरेलू व परिवार के सदस्यों के हैं। उधर, उसकी नहाने व खाने तक में कोई रुचि नहीं है। 

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निलंबित जूनियर इंजीनियर रामभवन को सोमवार शाम को पहले दिन मंडल कारागार में 15 नंबर बैरक में रखा गया था। बुधवार को दोबारा न्यायालय में पेशी के बाद उसे कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बैरक नंबर चार-बी में रखा गया। गुरुवार को कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद पेशी से लौटने पर उसे फिर से 15 नंबर बैरक में शिफ्ट किया गया है। जेल सूत्रों के मुताबिक, जेल पहुंचने के बाद से आरोपित नहाने-खाने तक में रुचि नहीं दिखा रहा है। किसी ने यौन शोषण के आरोपों को लेकर पूछा तो सिर्फ खुद को साजिश रचकर फंसाने व बरामद मोबाइल घरेलू होने की बात कहता है। 

कार पर सरकारी वकील से की गुफ्तगू 

 दिल्ली से आए सीबीआइ के अधिवक्ता अशोक कुमार ङ्क्षसह पहले अपनी टीम के साथ न्यायालय पहुंचे। वहां से कुछ ही देर में लौटकर वापस अपने वाहन पर बैठ गए। वाहन पर पहले से ही सरकारी वकील मनोज दीक्षित व डिप्टी एसपी अमित कुमार थे। माना जा रहा है कि तीनों ने पूरे मामले को लेकर विचार-विमर्श किया। करीब 12 मिनट की गुफ्तगू के बाद दोबारा सभी लोग वाहन से बाहर निकलकर दोपहर 12:29 बजे कोर्ट पहुंचे।  

इनका ये है कहना 

जेल में निरुद्ध आरोपित निलंबित जेई दूसरे बंदियों की तरह सामान्य व्यवहार कर रहा है। उसकी अलग से कोई उल्लेखनीय प्रतिक्रिया नहीं है। बंदी रक्षकों व बंदियों को उससे किसी तरह की पूछताछ नहीं करने के निर्देश दिए हैं। - पीके त्रिपाठी, प्रभारी जेलर, मंडल कारागार बांदा।  


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