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Chitrakoot Jail Gangwar: न्यायिक जांच पूरी होने पर कई रहस्यों से उठेगा पर्दा, यह तीन अधिकारी करेंगे विवेचना

Chitrakoot Jail Gangwar जिला जेल में गैंगवार व मुठभेड़ के अलग-अलग दो मामले कर्वी कोतवाली में दर्ज कराए गए हैं। एक मामला गैंगवार का जेल अधीक्षक और दूसरा कोतवाली निरीक्षक ने मुठभेड़ का दर्ज कराया था। दोनों मामले में मारे गए शूटर अंशु दीक्षित को आरोपित बनाया गया है।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 09:40 PM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 09:40 PM (IST)
Chitrakoot Jail Gangwar: न्यायिक जांच पूरी होने पर कई रहस्यों से उठेगा पर्दा, यह तीन अधिकारी करेंगे विवेचना
चित्रकूट जिला जेल में पसरा पड़ा सन्नाटा। सांकेतिक तस्वीर।

चित्रकूट, जेएनएन। Chitrakoot Jail Gangwar जिला जेल में शुक्रवार की सुबह दो कैदियों की हत्या और हत्यारे के मुठभेड़ में मारे जाने के मामले की न्यायिक जांच के आदेश हो गए हैं। जिला जज ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) अरुण कुमार यादव को जांच अधिकारी नामित करते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। अब माना जा रहा है कि घटना से जुड़े राज सामने आ सकेंगे।

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जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने बताया कि जेल प्रशासन ने गैंगवार व मुठभेड़ की न्यायिक जांच के लिए जनपद न्यायाधीश को पत्र लिखा था, जिस पर जिला जज ने आदेश कर दिए हैं। बता दें कि घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी नाराज थे और तीन सदस्यीय अफसरों की टीम से जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर जेल अधीक्षक श्रीप्रकाश त्रिपाठी, जेलर महेंद्रपाल समेत हेड वार्डन हरीशंकर राम, वार्डन संजय खरे और एक पीएसी जवान को निलंबित कर दिया था। मगर, जेल में पिस्टल कहां से कैसे आई और किसने पहुंचाई, यह अभी तक राज है। न्यायिक जांच में इसका राजफाश हो जाएगा। 

तीन इंस्पेक्टर की टीम करेगी विवेचना: जिला जेल में गैंगवार व मुठभेड़ के अलग-अलग दो मामले कर्वी कोतवाली में दर्ज कराए गए हैं। एक मामला गैंगवार का जेल अधीक्षक और दूसरा कोतवाली निरीक्षक ने मुठभेड़ का दर्ज कराया था। दोनों मामले में मारे गए शूटर अंशु दीक्षित को आरोपित बनाया गया है। पहले दोनों मामलों में विवेचना के लिए अलग-अलग इंस्पेक्टर नियुक्त किए थे लेकिन अब तीन इंस्पेक्टर की टीम बनाई गई है जो दोनों मामलों की विवेचना करेगी। इंस्पेक्टर अरुण कुमार पाठक ने बताया कि उनके साथ रैपुरा थाना प्रभारी और मऊ थाना में तैनात क्राइम इंस्पेक्टर को जांच मिली है। 

पांचवें दिन भी डीआइजी ने खंगाले साक्ष्य: जेल प्रशासन की जांच अभी तक खत्म नहीं हुई है। घटना के बाद से प्रयागराज डीआइजी जेल संजीव त्रिपाठी चित्रकूट में डेरा डाले हैं। मंगलवार को भी वह दिन भर जेल में रहे। उन्होंने एक बार फिर निलंबित अधिकारियों व बंदियों से अलग-अलग बात की, वहीं पुराने अभिलेख भी खंगाले।

यह था मामला: जिला जेल में बीते शुक्रवार को पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी के शार्प शूटर अंशु दीक्षित ने उसके रिश्ते के भांजे मेराज अली और कैराना पलायन के मुख्य  आरोपित मुकीम काला को गोलियों से भून दिया था। इसके बाद पुलिस ने अंशू को भी मुठभेड़ में मार गिराया था। दो घंटे तक जेल युद्ध का मैदान बनी थी और करीब 50 राउंड गोलियां चली थीं।


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