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India China Tension: मेट्रो कोच की आपूर्ति के टेंडर में चीन की कंपनी अयोग्य घोषित, भारतीय कंपनी को टेंडर

कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं के लिए ट्रेनों के कोच की सप्लाई गुजरात के सावली में स्थित कंपनी के प्लांट से होगी मेक इंडिया को मजबूती मिलेगी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 08:40 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 08:40 AM (IST)
India China Tension: मेट्रो कोच की आपूर्ति के टेंडर में चीन की कंपनी अयोग्य घोषित, भारतीय कंपनी को टेंडर
India China Tension: मेट्रो कोच की आपूर्ति के टेंडर में चीन की कंपनी अयोग्य घोषित, भारतीय कंपनी को टेंडर

कानपुर, जेएनएन। कानपुर और आगरा में मेट्रो के लिए कोच सप्लाई के टेंडर से चीन की कंपनी को अयोग्य घोषित कर दौड़ से बाहर कर दिया गया। दोनों ही प्रोजेक्ट में 67 ट्रेनों के लिए कोच की आपूर्ति अब भारतीय कंपनी का एक समूह करेगा। गुजरात के इस कंसोर्टियम का नाम बॉम्बार्डियर है। इससे भारत के मेक इन इंडिया अभियान को और मजबूती मिलेगी। यूपी मेट्रो ने रोलिंग स्टॉक्स और सिग्नलिंग सिस्टम के लिए अंतरराष्ट्रीय बिडिंग की थी। इसमें चार अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने हिस्सा लिया था।

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18 फरवरी 2020 को उन्होंने अपनी निविदाएं उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) को सौंपी थीं। निविदाओं के तकनीकी आकलन के बाद बिड में शामिल चीनी कंपनी को अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके बाद फाइनेंशियल बिड के लिए तीन बिडर्स को चुना गया। सबसे कम बोली लगाने वाली बॉम्बार्डियर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से शुक्रवार को संविदा कर लिया गया। अब कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं को ट्रेनों की सप्लाई गुजरात के सावली में स्थित इसी कंपनी के प्लांट से होगी।

यूपीएमआरसी ट्रेनों की सप्लाई, टेस्टिंग और कमीशनिंग के साथ ट्रेन कंट्रोल, सिग्नलिंग सिस्टम का अनुबंध बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया प्राइवेट से किया है। दोनों परियोजनाओं के लिए 67 ट्रेनों की सप्लाई होगी। इसमें प्रत्येक ट्रेन में तीन कोच होंगे। इसमें से 39 कानपुर और 28 ट्रेन आगरा के लिए होंगी। एक ट्रेन की 980 यात्री सफर कर सकेंगे।

65 हफ्तों की समय सीमा तय

यूपीएमआरसी ने लखनऊ में भी रोलिंग स्टॉक्स और सिग्नलिंग सिस्टम के लिए एकीकृत टेंडरिंग की प्रक्रिया अपनाई थी। इससे समय की बचत हुई थी। लखनऊ मेट्रो को 64 सप्ताह पहली ट्रेन मिल गई थी। कानपुर और आगरा में पहले मेट्रो ट्रेन सेट की सप्लाई के लिए 65 हफ्तों की समय-सीमा तय की गई है।

यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि कानपुर और आगरा के लिए प्रस्तावित मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की खास बात यह है कि दोनों जगह दो स्टेशनों के बीच की दूरी (लगभग एक किलोमीटर है) यहां जो मेट्रो चलेंगी उनकी गति सीमा 80 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है, जबकि इन ट्रेनों की अधिकतकम रफ्तार 90 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी।


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