ठंड में कंपकंपाते स्कूल पहुंच रहे बच्चे, इन पर तरस खाकर अब तो बांट दो स्वेटर Kanpur News
अधिकतर प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में अभी तक नहीं दिए गए स्वेटर कई विद्यालयों में साइज से बड़ा तो कहीं पर छोटा दिया गया।
कानपुर, जेएनएन। मौसम वैज्ञानिक रोजाना कह रहे हैं कि कड़ाके की ठंड पडऩे वाली है। तापमान भी रोज गिर रहा है पर बेसिक शिक्षा विभाग को इससे मतलब नहीं है। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को अभी तक स्वेटर नहीं दिए गए हैं। वहीं जहां दिए भी गए हैं, वह भी बिना नाप के बांट दिए गए। खबर में दिए गए तीन केस यही बताने के लिए हैं। यह स्थिति अधिकतर विद्यालयों की है। विभागीय अफसर कागजी आंकड़े तो बखूबी तैयार कर लेते हैं पर हकीकत से रूबरू नहीं होते। बच्चे सुबह ठिठुरते हुए स्कूल आ रहे हैं, जबकि अफसर स्वेटर और जैकेट पहनकर अपने दफ्तर पहुंच रहे हैं। इस लापरवाही के लिए जो जिम्मेदार हैं, उन पर भी कार्रवाई नहीं होती। बच्चों को स्वेटर कब तक मिल जाएगा, इसका सटीक जवाब देने वाला भी कोई नहीं है।
केस एक : प्राथमिक विद्यालय कन्या पांडु नगर। कक्षा दो की नंदिनी बिना स्वेटर पहने बैठी थी, पूछा कि स्वेटर क्यों नहीं पहना। क्या सर्दी लग रही है तो नंदिनी ने जवाब दिया सर्दी लग रही है पर स्वेटर नहीं मिला। कक्षा तीन के प्रांशु ने कहा, सुबह ठिठुरते हुए स्कूल आना पड़ता है।
केस दो : प्राथमिक विद्यालय कन्या नारायणपुरवा। यहां भी बच्चों को स्वेटर नहीं मिला है। कक्षा पांच की दुर्गा, कृष्णा, कक्षा चार की सलोनी व रेशमा तथा कक्षा तीन के छात्र अंशुल व नैंसी ने कहा बिना स्वेटर ठंड लगती है। क्या कर सकते हैं, जब स्वेटर हमें दिया ही नहीं गया।
केस तीन : प्राथमिक विद्यालय कारवालो नगर। कक्षा एक में पढऩे वाले जुनैद और हलीमा को 22 नंबर का स्वेटर फिट आता है, पर उन्हें जो स्वेटर दिया गया है वह 26 नंबर है। स्वेटर बहुत ढीला है। कक्षा पांच के छह बच्चों को 34 नंबर के स्वेटर चाहिए पर उन्हें 32 नंबर के स्वेटर दिए गए।
बीएसए का ये है कहना
जहां पर साइज गलत दिया गया है, वहां जांच कराएंगे। बच्चों को सही साइज का स्वेटर दिया जाएगा। स्वेटर वितरण का काम लगातार चल रहा है।
-प्रवीणमणि त्रिपाठी, बीएसए