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Kanpur : मोतियाबिंद आपरेशन से 3 साल की मासूम भी चली गई थी आंखो की रोशनी, गुहार करने पर भगा देता था डॉक्टर

कानपुर में मोतियाबिंद के आपरेशन के बाद 8 लोगों की आंखो की रोशनी चली गई थी। इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है दरअसल उसी अस्पताल के डॉक्टर से डेढ़ साल पहले आपरेशन कराने के बाद 3 साल की बच्ची की भी आंखो की रोशनी चली गई थी।

By Jagran NewsEdited By: Ekantar GuptaPublished: Thu, 24 Nov 2022 09:52 PM (IST)Updated: Thu, 24 Nov 2022 09:52 PM (IST)
Kanpur : मोतियाबिंद आपरेशन से 3 साल की मासूम भी चली गई थी आंखो की रोशनी, गुहार करने पर भगा देता था डॉक्टर
कानपुर में प्राइवेट अस्पताल में मोतिया्बिंद के आपरेशन के बाद गई बच्ची की आंखो की रौशनी।

कानपुर, जागरण संवाददाता। बर्रा पुलिस चौकी के पीछे स्थित आराध्या आइ हास्पिटल में मोतियाबिंद के आपरेशन के बाद आठ लोग अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके हैं। इसके साथ ही नेत्र सर्जन डा. नीरज गुप्ता द्वारा किए गए आपरेशनों में गड़बड़ी के मामले भी अब एक-एक कर सामने आने लगे हैं। डेढ़ साल पहले मोतियाबिंद का ही आपरेशन कराने वाली तीन वर्षीय मासूम की भी आंखों की रोशनी खो चुकी है। इसके बाद से बच्ची के पिता डाक्टर से लगातार गुहार लगाते रहे, लेकिन सुनवाई के बजाय उन्हें धमकाया गया। गुरुवार को वह दैनिक जागरण कार्यालय पहुंचे और आपबीती सुनाई।

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कर्रही के कल्याणीपुरवा निवासी अवधेश ने बताया कि पिछले वर्ष तीन वर्षीय बिटिया गौरी की दाहिनी आंख के बीच में सफेद दाग जैसा दिखाई पड़ने लगा। इस पर अप्रैल 2021 में आराध्या आइ हास्पिटल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. नीरज गुप्ता को दिखाया। उन्होंने बच्ची की आंखों की जांच के बाद मोतियाबिंद की समस्या बताई। आपरेशन में 40 हजार रुपये का खर्च बताया। पांच अप्रैल 2021 को आपरेशन कराया। दूसरे दिन पट्टी खोलने के बाद डाक्टर ने कहा कि बच्ची की आंख की झिल्ली फट गई है। दोबारा आपरेशन करना पड़ेगा। उन्होंने दूसरे दिन भी आपरेशन किया, लेकिन आंख की रोशनी नहीं लौटी। इसके बाद दो-तीन महीने तक अस्पताल के चक्कर काटते रहे। डाक्टर कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुए। अंत में उन्होंने धमकाते हुए कहा कि दोबारा यहां आए तो तुम्हारे लिए ठीक नहीं होगा।

एक आंख हो गई छोटी

अवधेश ने बताया कि बिटिया की दाहिनी आंख से कुछ दिखाई नहीं पड़ता है। उसकी आंख भी छोटी हो गई है। दूसरों की कार चलाकर जैसे-तैसे घर चलाते हैं। इतने पैसे भी नहीं हैं कि बिटिया का इलाज करा सकें। 

उखड़ गया पर्दा, नस क्षतिग्रस्त, नहीं लौटेगी रोशनी

अवधेश ने बताया कि एक बार वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. आलोक गहलौत के पास बिटिया को लेकर पहुंचा तो उन्होंने उसकी आंख का पूरा परीक्षण किया। जांच के बाद उन्होंने बताया कि बच्ची की दाहिनी आंख का पर्दा उखड़ गया है। आंख से मस्तिष्क को जाने वाली नस भी क्षतिग्रस्त हो गई है। अब बच्ची के आंख की रोशनी नहीं लौट सकती है। 

बच्ची की आंख की रोशनी सर्जरी के बाद जाना बहुत ही गंभीर और संवेदनशील मामला है। अगर स्वजन लिखित शिकायत करते हैं तो इस प्रकरण की गंभीरता से जांच कराएंगे। डाक्टर की गलती मिली तो कठोर कार्रवाई के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन को पत्र भी लिखा जाएगा।  - डा. आलोक रंजन, सीएमओ।


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