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एलएलआर अस्पताल के एनस्थेसिया आइसीयू में 'खेल'

एलएलआर अस्पताल (हैलट) के एनस्थेसिया इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) में मरीजों के साथ खेल हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 08:10 AM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 03:54 PM (IST)
एलएलआर अस्पताल के एनस्थेसिया आइसीयू में 'खेल'
एलएलआर अस्पताल के एनस्थेसिया आइसीयू में 'खेल'

जागरण संवाददाता, कानपुर : एलएलआर अस्पताल (हैलट) के एनस्थेसिया इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) में मरीजों के साथ खेल हो रहा है। भर्ती मरीजों को डॉक्टर महंगी एंटीबायोटिक दवाएं लिख रहे हैं। एलएलआर के प्रमुख अधीक्षक ने गड़बड़ी पकड़ी है।

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एलएलआर के प्रमुख अधीक्षक (एसआइसी) प्रो. आरके मौर्या शनिवार सुबह एलएलआर इमरजेंसी के निरीक्षण को गए थे। एनस्थेसिया आइसीयू के बाहर एक गरीब युवक खड़ा था। उसके हाथ में इंजेक्शन के छह वॉयल थे। उसके पास जाकर देखा तो वह हैवी एंटीबायोटिक इंजेक्शन कोलिस्टीन लिए था। एसआइसी ने पूछा, इंजेक्शन किस लिए लाए हो, किसने मंगाया है। युवक ने बताया कि बाबूजी आइसीयू में हैं। डॉक्टर साहब ने मंगाया है। आइसीयू के अंदर जाकर एसआइसी ने जूनियर रेजीडेंट (जेआर) से बात की। साथ ही भर्ती मरीज की हालत देखी। मरीज की माली हालत बहुत ही खराब थी। वह बाहर से इंजेक्शन खरीदने की स्थिति में नहीं था। फिर भी इंजेक्शन बाहर से मंगाए जा रहे थे। एसआइसी ने जेआर को बिना कल्चर सेंसटीविटी जांच के महंगे और हैवी एंटीबायोटिक इंजेक्शन नहीं चलाने की हिदायत दी।

एलएलआर में पर्याप्त एंटीबायोटिक

अस्पताल के मुख्य औषधि भंडार में पर्याप्त एंटीबायोटिक इंजेक्शन हैं। इसमें जेंटामाइसिन, वेंकोमाइसिन, माइकासिन, सिपोपेराजोल-सल्वेक्टम, मेरोपेनम, सिफेक्सजॉन-सल्वेक्टम, पिपरासिलिन-टेजोवेक्टम, सिफेक्सजॉन-सल्वेक्टम है।

एलएलआर में भी 10-15 हजार का खर्च

एलएलआर के आइसीयू में भी नर्सिग होम की तरह 10-15 हजार रुपये प्रतिदिन खर्च होते हैं। मरीजों से 1500 से 2000 रुपये तक के इंजेक्शन मंगाते हैं, जो तीन टाइम लगता है।

कोलिस्टीन के लिए दिया आर्डर

अस्पताल में कोलिस्टीन 1 एमआइयू और कोलिस्टीन 2 एमआइयू इंजेक्शन की पांच-पांच सौ वॉयल मंगाने के आदेश दिए हैं। सरकारी सप्लाई में इसका मूल्य 126 रुपये और 207 रुपये है।

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मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की लैब में मरीजों की कल्चर सेंसटीविटी टेस्ट कराए बगैर कोई भी महंगी एंटीबायोटिक नहीं चलाई जाएंगी। आइसीयू का निरीक्षण किया था। वहां भर्ती गरीब मरीजों को महंगी एंटीबायोटिक दवाएं बाहर से मंगाई जा रही हैं, जिनकी जरूरत नहीं है। अस्पताल में अधिकतर दवाएं उपलब्ध हैं।

- प्रो. आरके मौर्या, प्रमुख अधीक्षक, एलएलआर एवं संबद्ध अस्पताल।


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