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छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के 44 कॉलेजों ने कराई थी सामूहिक नकल

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय की मार्च में हुईं परीक्षाओं के दौरान 44 कॉलेजों में नकल होने की पुष्टि हुई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Jul 2018 11:43 AM (IST)Updated: Thu, 05 Jul 2018 11:43 AM (IST)
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के 44 कॉलेजों ने कराई थी सामूहिक नकल
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के 44 कॉलेजों ने कराई थी सामूहिक नकल

जागरण संवाददाता, कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय की मार्च में हुईं परीक्षाओं के दौरान कॉलेजों में हुई अनियमितताओं पर बुधवार को परीक्षा समिति की बैठक में अफसरों ने अंतिम रूप से कार्रवाई का फैसला किया। परीक्षा समिति की पिछली बैठक में जो 133 कॉलेज सामूहिक नकल में दोषी मिले थे, उनमें 44 कॉलेजों को सामूहिक नकल का दोषी और 10 के संचालकों को अभद्रता करने का दोषी पाया गया। 30 कॉलेजों पर सचल दल टीमों द्वारा नकल की पुष्टि के आधार पर जबकि एक कालेज के सीडी न भेजने पर कार्रवाई का निर्णय लिया। सभी कॉलेजों पर 50 हजार से लेकर दो लाख रुपये तक आर्थिक दंड लगाया जाएगा। सामूहिक नकल में संबंधित कॉलेजों को दो साल तक परीक्षा केंद्र न बनाने का फैसला हुआ। जिन कॉलेजों ने परीक्षाओं के दौरान सीसीटीवी नहीं लगवाए, उन पर एक लाख जुर्माना लगेगा। सीएसजेएमयू के मीडिया प्रभारी प्रो. संजय स्वर्णकार ने बताया कि 48 कॉलेज आरोपमुक्त हो गए। बाकी पर कार्रवाई का फैसला एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में लिया जाएगा। कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता, प्रो. मुकेश रंगा, डा. सुधीर अवस्थी, उमानाथ, डा. विवेक द्विवेदी मौजूद रहे।

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ग्रेडिंग खत्म करने की ओर बढ़े कदम

बीएससी के छात्रों के लिए राहतभरा कदम उठाते हुए विवि के प्रशासनिक अफसरों ने ग्रेडिंग की व्यवस्था समाप्त करने की ओर कदम बढ़ा दिए। परीक्षा समिति के सभी सदस्यों ने इस पर हामी भरी। जल्द ही यह प्रस्ताव अब अकादमिक काउंसिल व एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में रखकर पारित कराया जाएगा।

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ये फैसले भी हुए

-पुनर्मूल्यांकन में शिक्षक गलती करेगा तो उसे डिबार किया जाएगा

-बीएससी ऑप्टोमेट्री की इंटर्नशिप का समय छह माह से बढ़कर एक साल होगा

-विशंभर दयाल डबरापुर कानपुर देहात में प्रैक्टिकल के दौरान अनियमितता मिली, कार्रवाई होगी

-लीगल स्टडीज से संबंधित पांच छात्रों का मामला आया। पक्ष कमजोर होने पर उसे निरस्त कर दिया गया।

-2017-18 में संस्थागत रहे उन छात्र-छात्राओं को दोबारा परीक्षा देने का मौका दिए जाने पर अंतिम मुहर लगी, जिनकी परीक्षा छूट गई थी।


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