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नहाय खाय के साथ 31 से शुरू होगी छठ की पूजा, जानिए किस दिन क्या होगा Kanpur News

एक नवंबर को खीर और रोटी खाकर महिलाएं शुरू करेंगी व्रत दो को अस्त होते सूर्य को देंगी अघ्र्य।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 11:44 PM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 09:52 AM (IST)
नहाय खाय के साथ 31 से शुरू होगी छठ की पूजा, जानिए किस दिन क्या होगा Kanpur News
नहाय खाय के साथ 31 से शुरू होगी छठ की पूजा, जानिए किस दिन क्या होगा Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। पुत्रों की दीर्घायु की कामना का महापर्व गुरुवार से शुरू होगा। पहले दिन नहाय खाय और फिर दूसरे दिन खरना होगा। खरना के साथ ही व्रत का शुभारंभ हो जाएगा। पूजन की तैयारियां लोगों ने शुरू कर दी है। वेदियां बनाने का कार्य शुरू हो गया है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि दो नवंबर को व्रती महिलाएं अस्त होते सूर्य को अघ्र्य देंगी और पुत्र के दीर्घायु की कामना करेंगी जबकि अगले दिन सुबह उदय होते सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा।

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छठ पूजा का मुख्य पूजन तो दो नवंबर की शाम और तीन नवंबर की सुबह होगा जब व्रती महिलाएं भगवान सूर्य को अघ्र्य देकर छठी मइया से पुत्रों के दीर्घायु और अखंड सौभाग्य की कामना करेंगी। घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ेगा। गुरुवार को पहले दिन महिलाएं घरों में पूजन अर्चन करेंगी। लौकी की सब्जी और भात (पका हुआ चावल) खाएंगी। शुक्रवार को खरना होगा। इस दिन व्रती महिलाएं खीर और रोटी खाकर पूजन करेंगी। इसी रात्रि से व्रत शुरू हो जाएगा। शाम को ही चौरा में दउरा और सूप में फल, फूल, नारियल और अन्य पूजन सामग्रियां रख दी जाएंगी। अखंड ज्योति जलाकर मां का पूजन अर्चन किया जाएगा और फिर शनिवार की शाम को घाट पर पहुंचकर डूबते सूर्य को अघ्र्य देकर सुख समृद्धि व दीर्घायु की कामना करेंगी। वे एक दूसरे की मांग में सिंदूर भरेंगी। रविवार को जब सूर्य उदय होंगे तब उन्हें अघ्र्य दिया जाएगा।

व्रत के नियम

जो महिलाएं व्रत रखती हैं वह भूमि पर सोती हैं। गेहंू और चावल को धुलने के बाद सुखाया जाता है और फिर गेहूं को चाकी पर पीस कर आटे से ठेकुआ बनाया जाता है। पिसे हुए चावल का लड्डू बनाकर छठी मइया को अर्पित किया जाता है। खरना के दिन ही घरों में डलिया में फल, नारियल आदि रखा जाता है।

इन तिथियों में पर्व

31 अक्टूबर : नहाय खाय के साथ पर्व शुरू होगा।

1 नवंबर : खीर और रोटी के सेवन के साथ व्रत का शुभारंभ।

2 नवंबर : शाम के समय घाटों पर सूर्य को अघ्र्य।

3 नवंबर : उदय होते सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा।

इन जगहों पर होगा पूजन अर्चन

अर्मापुर, पनकी, सीटीआई नहर, दबौली, बर्रा नहर के साथ ही शास्त्री नगर, नमक फैक्ट्री चौराहा पर बनाए गए वैकल्पिक तालाब, मैस्कर घाट, गंगा बैराज, गोला घाट में भी पूजन अर्चन होगा।

पूरी रात जल में खड़ी रहेंगी महिलाएं

तमाम महिलाएं तो पूरी रात नहर या नदी में खड़े रहकर पूजन करती हैं। ऐसा वे महिलाएं करती हैं जिनकी मनोकामना पूरी हो जाती है या फिर जिन्होंने किसी कामना के लिए व्रत रखा है। ऐसी एक दो नहीं बल्कि तमाम महिलाएं हैं जो घाटों पर रात भर पानी में खड़ी रहती हैं।

घाटों पर गंदगी से श्रद्धालु परेशान

सीटीआइ नगर, अर्मापुर व पनकी नहर में गंदगी से श्रद्धालु परेशान हैं। इन घाटों पर वेदियां बनाने का कार्य शुरू हो गया है, लेकिन कूड़े की वजह से इसमें व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। छठ पूजा सेवा समिति के अध्यक्ष संजय सिंह और अखिल भारतीय भोजपुरी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष गहमरी ने कहा कि अगर बुधवार को घाटों की सफाई नहीं हुई तो वे धरना प्रदर्शन करेंगे।  


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