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CBSE Class 10th Result 2020 : शहर के इन टॉपर ने इंजीनियर, आइएएस या फिर वकील बनने का सजा रखा है सपना

98 फीसद से अधिक अंक पाने वाले छात्र छात्राओं ने बताया किस तरह की उन्होंने पढ़ाई।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 01:10 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 01:10 PM (IST)
CBSE Class 10th Result 2020 : शहर के इन टॉपर ने इंजीनियर, आइएएस या फिर वकील बनने का सजा रखा है सपना
CBSE Class 10th Result 2020 : शहर के इन टॉपर ने इंजीनियर, आइएएस या फिर वकील बनने का सजा रखा है सपना

कानपुर, जेएनएन। सीबीएसई के 10वीं के रिजल्ट में मेधावियों ने कड़ी मेहनत से सफलता का शिखर छुआ है। कानपुर के टॉपर छात्र-छात्राओं ने मेहनत व लगन के दम पर 98 फीसद से अधिक अंक पाए हैं। सभी ने अपने-अपने कॅरियर का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है। इनमें से कोई वकील बनना चाहता है तो कोई आइएएस अधिकारी या फिर इंजीनियर।

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भौतिकी व गणित में रुचि के चलते शिखा बनेंगी इंजीनियर

भौतिक विज्ञान व गणित यह दो ऐसे विषय हैं, जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद हैं। इन दो विषयों में रुचि होने के चलते मैं भविष्य में इंजीनियर बनना चाहती हंंू। बुधवार को यह बातें आर्चीज हायर सेकेंड्री स्कूल श्याम नगर की छात्रा शिखा ठाकुर ने कहीं। शिखा ने सीबीएसई 10वीं के परिणाम में 98.8 फीसद अंक हासिल किए। इस मेधावी छात्रा ने बताया कि जब मन हुआ, केवल तब ही पढ़ाई की। अपने से महज एक मिनट छोटी जुड़वां बहन स्नेहा के साथ शिखा ने बोर्ड परीक्षा की तैयारी की। शिखा को ङ्क्षहदी व अंग्रेजी में कविता लिखना पसंद है। घर पर दोनों बहनें खूब शरारत करती हैं। शिखा मुस्कुराकर बताती हैं, कि कभी-कभार उनकी गलती पर डांट स्नेहा को पड़ जाती है। स्नेहा को बोर्ड परीक्षा में 97.8 फीसद अंक मिले। वहीं शिखा की इस उपलब्धि पर स्कूल प्रबंधन ने उन्हें 50 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की। दोनों बेटियों की उपलब्धि पर पिता संजीव ठाकुर व माता रागिनी ठाकुर ने खुशी जताई। स्कूल की प्रधानाचार्य मनीषा सोनी ने भी बधाई दी।

सात घंटे की पढ़ाई से ज्योत्सना को मिले 98.6 फीसद अंक

दो, तीन या चार नहीं, नियमित रूप से सात घंटे तक पढ़ाई करके विकास नगर निवासी ज्योत्सना मिश्रा ने सीबीएसई 10वीं के परिणाम में 98.6 फीसद अंक हासिल किए हैं। यह मेधावी छात्रा बेबाक होकर कहती है, कि केवल परीक्षाओं के समय पढ़ाई के लिए जूझने से अच्छा है रोज पढऩा। देर रात तक जागकर तैयारी करने वाली व सर पदमपत ङ्क्षसहानिया एजूकेशन सेंटर की छात्रा ज्योत्सना को फैटेंसी स्टोरीज वाली किताबें पढऩा और गाने सुनना खूब भाता है। खेलों में जहां पहली पसंद बैडङ्क्षमटन है, वहीं इतिहास पसंदीदा विषय है। ज्योत्सना भविष्य में वकील बनना चाहती हैं। पिता प्रभात मिश्रा लखनऊ स्थित पंजाब नेशनल बैंक में एजीएम हैं, जबकि माता अंजली मिश्रा डीबीएस कॉलेज में सहायक प्रोफेसर हैं।

पहले आइआइटी से इंजीनियर, फिर आइएएस बनना अभय की मंजिल

पहले मुझे आइआइटी से इंजीनियर बनना है, उसके बाद आइएएस मेरी मंजिल है। बुधवार को यह बातें कहीं दर्शनपुरवा निवासी अभय त्रिपाठी ने। सीबीएसई 10वीं के परिणाम में अभय को 98.6 फीसद अंक मिले। इस मेधावी छात्र ने कहा कि पढ़ाई तब करनी चाहिए, जब आप पर किसी तरह का दबाव या तनाव न हो। लगातार कई घंटे तक पढऩे से बेहतर है कि ब्रेक लेकर पढ़ें। एक्शन फिल्में देखना, दोस्तों के साथ समय बिताना व क्रिकेट खेलना अभय को अच्छा लगता है। उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों व ट््यूशन टीचर को दिया। पिता अतुल त्रिपाठी मेडिकल स्टोर संचालक हैं, जबकि माता सविता त्रिपाठी गृहणी हैं।

आइआइटी मुंबई से एयरोस्पेस इंजीनियर बनना चाहतीं शोखी

रिवीजन करना, समय से होमवर्क करना, पढ़ाई के दौरान आने वाली समस्याओं का समय पर समाधान। इन तीन मूल मंत्रों को अपनाने के चलते दिल्ली पब्लिक स्कूल कल्याणपुर की छात्रा शोखी गुप्ता ने सीबीएसई 10वीं के परिणाम में 98.4 फीसद अंक हासिल किए। अवंतीपुरम बिठूर चौराहा निवासी यह मेधावी छात्रा आइआइटी मुंबई या खडग़पुर से एयरोस्पेस इंजीनियङ्क्षरग की पढ़ाई पूरी करना चाहती है। पढ़ाई के अलावा अंग्रेजी व ङ्क्षहदी फिल्मों के गानें, थ्रिलर थीम पर आधारित किताबें पढऩा पसंद है। शोखी ने चार से पांच घंटा रोजाना पढ़ाई की। पिता अभिषेक गुप्ता सरकारी विद्यालय में शिक्षक हैं, तो वहीं माता ललिता गुप्ता गृहणी हैं। बेटी की इस उपलब्धि पर माता-पिता बेहद खुश हैं।

सामाजिक विज्ञान को दिया अधिक समय

विज्ञान वर्ग के छात्र छात्राओं का फोकस ज्यादातर गणित व विज्ञान विषयों की ओर होता है। वह सौ फीसद अंक प्राप्त करने के लिए दिनभर इन्हीं विषयों को पढऩे में जुटे रहते हैं। वीरेंद्र स्वरूप एजुकेशन सेंटर पनकी के छात्र अविरल शर्मा ने अपनी तैयारी को इससे हटकर अलग दिशा दी और सीबीएसई 10वीं की परीक्षा के वह स्कूल टॉपर बने। आवास विकास तीन में रहने वाले अविरल ने गणित व विज्ञान से अधिक सामाजिक विज्ञान विषय को समय दिया। 98.4 फीसद अंक प्राप्त करने वाले अविरल ने बताया कि सामाजिक विज्ञान में कोर्स अधिक होने के कारण उसे ज्यादा समय देता था। उसके बाद गणित, विज्ञान व अंग्रेजी पर उनका फोकस रहता था। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानने वाले अविरल के पिता लोकेंद्र शर्मा इंजीनियर व मां मालती शर्मा गृहणी हैं। गणित व विज्ञान विषयों में 99 फीसद, सामाजिक विज्ञान में 98 फीसद अंक प्राप्त करने वाले अविरल ने बताया कि वह भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस इंजीनियर बनना चाहते हैं। 


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