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UP Mining Scam : डीएम कार्यालय पहुंची सीबीआई, खनन और वन विभाग के अफसरों की सूची ली Hamirpur News

UP Mining Scam हमीरपुर में खनन घोटाले में सीबीआइ ने जिला सूचना अधिकारी को कैंप कार्यालय बुलाकर आधा घंटे पूछताछ की।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 02:10 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 03:31 PM (IST)
UP Mining Scam : डीएम कार्यालय पहुंची सीबीआई, खनन और वन विभाग के अफसरों की सूची ली Hamirpur News
UP Mining Scam : डीएम कार्यालय पहुंची सीबीआई, खनन और वन विभाग के अफसरों की सूची ली Hamirpur News

हमीरपुर, जेएनएन। अवैध खनन (UP Mining Scam) मामले में सीबीआइ सूचना विभाग के दफ्तर तक पहुंच गई है। टीम ने खनन पïट्टे के टेंडर संबंधी विज्ञापन की जानकारी लेने के साथ बुधवार को डीएम कार्यालय पहुंचकर खनन और वन विभाग में तैनात रहे तत्कालीन अफसरों की सूची ली है। सीबीआइ अधिकारियों ने जिला सूचना अधिकारी को कैंप कार्यालय बुला कर भी पूछताछ की है।

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कदम दर कदम बढ़ती जा रही जांच

सपा शासनकाल में हुए अवैध खनन की जांच करते करते सीबीआइ बसपा शासन में हुए अवैध खनन तक पहुंच गई है। साल 2010 में खनिज विभाग ने पट्टा आवंटन के लिए विज्ञापन प्रकाशित कराया। इसमें सरीला क्षेत्र के जिटकरी दरिया, बेंदा दरिया व बंधौली के 12 खंड शामिल थे। बताते हैं कि उक्त विज्ञापन उरई से प्रकाशित होने वाले एक समाचार पत्र में प्रकाशित कराया गया था। बेहद कम प्रसार वाले इस अखबार की तीन-चार प्रतियां खनिज विभाग के अभिलेख में तो हैं लेकिन किसी को टेंडर की जानकारी ही नहीं हुई।

जिलाधिकारी से भी की पूछताछ

सीबीआइ टीम मंगलवार को सूचना कार्यालय पहुंची और अभिलेख खंगाले लेकिन विज्ञापन के लिए दिया गया कोई पत्र वहां नहीं मिला। दस्तावेजों की जांच में पता चला है कि खनिज विभाग के अधिकारियों ने सिंडीकेट से काकस बनाकर साल 2010 में टेंडर प्रक्रिया के दौरान विज्ञापन कम प्रसार वाले समाचार पत्र की महज तीन-चार प्रतियों में ही प्रकाशित कराया। इससे टेंडर किसी की जानकारी में ही नहीं आए और चहेतों को खनन के ठेके बांट दिए गए। सीबीआइ ने जिला सूचना अधिकारी को कैंप कार्यालय बुलाकर पूछताछ की। बुधवार को सीबीआई की टीम जिलाधिकारी ऑफिस पहुंची, जहां पर तत्कालीन अफसरों के बारे में जानकारी डीएम से ली। इसके साथ ही 2010 से 2012 तक खनिज विभाग और वन विभाग में तैनात रहे अधिकारियों की सूची भी ली है।


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