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CBI, आयकर के साथ ED टीम भी कानपुर पहुंची, हिरासत में रोटोमैक ग्रुप के मालिक विक्रम कोठारी

करोड़ों रुपये का लोन न चुकाने के मामले में सीबीआइ और ईडी की टीमों ने रोटोमैक ग्रुप आफ कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी के आवास और माल रोड सिटी सेंटर आफिस में छापे की कार्रवाई की।

By Ashish MishraEdited By: Published: Mon, 19 Feb 2018 12:54 PM (IST)Updated: Mon, 19 Feb 2018 09:29 PM (IST)
CBI, आयकर के साथ ED टीम भी कानपुर पहुंची, हिरासत में रोटोमैक ग्रुप के मालिक विक्रम कोठारी
CBI, आयकर के साथ ED टीम भी कानपुर पहुंची, हिरासत में रोटोमैक ग्रुप के मालिक विक्रम कोठारी

कानपुर (जेएनएन)। किंग ऑफ पेन के नाम से मशहूर उद्योगपति एवं रोटोमैक ग्रुप के मालिक विक्रम कोठारी पर कई बैंकों को करोड़ों का चूना लगाने का आरोप है। सीबीआइ टीम ने सोमवार सुबह कानपुर के तिलकनगर स्थित विक्रम कोठारी के आवास पर छापेमारी की।विक्रम कोठारी के रोटोमेक समूह पर कुल 3695 करोड़ रुपए की देनदारी है। 

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बैंकों से लिया करोड़ों रुपये का लोन न चुकाने के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तीन-तीन टीमों ने रोटोमैक ग्रुप आफ कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी के तिलक नगर स्थित आवास और माल रोड सिटी सेंटर स्थित आफिस में छापे की कार्रवाई की। टीम ने घर में मिले पेन ड्राइव, लैपटॉप, बैंक और लॉकर की जानकारी, संपत्तियों समेत अन्य कागजात की बारीकी से जांच की और कागजों में अंकित कीमत देखी। इसके अलावा घर में मिले परिवार के सदस्यों के पासपोर्ट जब्त कर लिए गए। सिटी सेंटर स्थित आफिस से भी काफी कागजात जब्त किए गए। रात नौ बजे टीमें वापस लौट गईं।

सभी कागजों को सीबीआइ और आयकर विभाग की टीम ने अपने कब्जे में ले रखा है। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि रोटोमैक मामले में षड्यंत्रकारियों ने 7 बैंक के एक कंसोर्टियम को 2919 करोड़ रुपये (मूलधन) के लिए बैंक ऋण बंद करने के लिए धोखा दिया। इसमें इन ऋणों की ब्याज देयताएं शामिल नहीं हैं। मैसर्स रोटोमाक के लिए बकाया राशि,रु 3695 करोड़ है। रोटोमैक ग्रुप के मालिक विक्रम कोठारी को तिलकनगर स्थित घर में ही हिरासत में रखा गया ।टीम में लखनऊ से सीबीआई के डिप्टी डायरेक्टर पीके श्रीवास्तव श्रीवास्तव और उनकी टीम शामिल है। सीबीआई ने कारोबारी विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना और राहुल को भी लोन डिफ़ॉल्ट केस में आरोपी बनाया है। इसके अलावा बैंक कर्मचारियों और अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। कानपुर में विक्रम कोठारी के कई ठिकानों पर सीबीआई और ईडी की छापेमारी जारी है। सीबीआई ने विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी और बेटे के पासपोर्ट को भी जब्त कर लिया है।

रविवार-सोमवार की रात करीब दो बजे पहुंची सीबीआइ और ईडी की टीम विक्रम कोठारी और उनके परिवार के लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इस दौरान घर के किसी भी सदस्य को बाहर नहीं निकलने दिया गया। छापे के दौरान सीबीआइ की टीम का कोठारी के आवास और सिटी सेंटर स्थित आफिस लगातार आना जाना रहा।

सीबीआइ के एसपी राघवेंद्र वत्स की अगुआई में डिप्टी एसपी पीके श्रीवास्तव समेत पांच सदस्यीय तीन टीमें और ईडी की तीन टीमों ने रविवार-सोमवार की रात करीब दो बजे पुलिस फोर्स के साथ विक्रम कोठारी के तिलक नगर के आवास पहुंची और परिवार और नौकरों समेत सभी के फोन कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। घर का दरवाजा बंद कर दिया गया और गार्ड समेत सभी को घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई। टीम ने घर के सभी कमरों, अलमारियों की जांच की। इस दौरान टीम को कई कागजात मिले। साथ ही पेन ड्राइव और लैपटॉप भी मिला। ईडी और सीबीआइ की टीमें इनकी जांच में लगी हुई है।

 

इसके अलावा सीबीआइ की एक टीम सुबह आठ बजे सिटी सेंटर स्थित रोटोमैक कंपनी के आफिस पहुंची और जांच की। फिर विक्रम कोठारी से पूछताछ में मिली जानकारी के बाद एसपी राघवेंद्र वत्स भी एक टीम के साथ दोपहर करीब साढ़े तीन बजे सिटी सेंटर स्थित रोटोमैक ग्रुप आफ कंपनी के आफिस पहुंचे। वह करीब डेढ़ घंटे तक वहां रुके और कर्मचारियों से पूछताछ की। यहां टीम को काफी कागजात मिले हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया। एसपी फिर कोठारी के आवास पहुंचे और जांच की कार्रवाई आगे बढ़ाई। इसी दौरान शाम को एसपी क्राइम राजेश कुमार भी कोठारी के आवास पहुंचे। माना जा रहा है कि सीबीआइ टीम विक्रम कोठारी को लखनऊ लेकर जाएगी, इसलिए पुलिस तैनात की जा रही। रात 9 बजे सीबीआइ की टीम चली गई। अधिकारी ने नाम नहीं बताते हुए किसी की भी गिरफ्तारी से इन्कार किया। उनके साथ गाड़ी में चेहरा ढंके दो लोग थे, जिनके बारे में कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया गया। वहीं एसपी क्राइम राजेश कुमार ने किसी की भी गिरफ्तारी से इन्कार किया। 

बैंक लोन का मामला है न कि फ्राड का

जांच के दौरान तिलक नगर स्थित आवास पहुंचे विक्रम कोठारी के अधिवक्ता शरद कुमार बिरला का कहना है विक्रम कोठारी कहीं नहीं गए थे। वह कानपुर में ही थे। यह मामला फ्राड का कतई नहीं है। केवल लोन का मामला है। बैंकों से लोन लिया गया था, जिसे चुकाया नहीं जा सका। इस ऋण को चुकाने की प्रक्रिया जारी थी। मामला ट्रिब्यूनल में है। इस पर बात हो रही थी। बीस फरवरी को बैंक के साथ फिर बैठक होनी थी, लेकिन यह कार्रवाई हो गई। 

सिटी सेंटर में सीबीआइ टीम देख मचा हड़कंप

सिटी सेंटर पर सीबीआइ की चार सदस्यीय टीम सुबह करीब आठ बजे पहुंची। टीम यहां चौथे मंजिल स्थित एक आफिस में पहुंची लेकिन वह बंद था। वहां से दूसरी मंजिल स्थित आफिस संख्या 201 में पहुंचे और कर्मचारियों से पूछताछ की। वहीं दोपहर करीब 12.30 बजे आयकर की एक टीम एक अन्य प्रतिष्ठान पर सर्वे के लिए पहुंची। सीबीआइ और आयकर की टीम के एक साथ होने पर सिटी सेंटर में खलबली मच गई। लोग एक दूसरे से जानकारी करते रहे।

विक्रम कोठारी के खिलाफ सीबीआई ने नई दिल्ली में एफआईआर दर्ज की है। बैंक आफ बड़ोदा की कानपुर रीजनल मैनेजर ने विक्रम कोठारी के खिलाफ आपराधिक साज़िश और धोखाधड़ी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करवाया है। कोठारी ने बैंक आफ बड़ोदा से लोन लिया था। लोन लेने के बाद उन्होंने न तो मूलधन चुकाया और न ही उसका ब्याज बैंक को दिया। विक्रम कोठारी के वकील शरद कुमार विरला ने बताया कि यह लोन डिफ़ॉल्ट का मामला है न कि बैंक फ्रॉड का। विक्रम कोठारी पर 3700 करोड़ रूपये अलग- अलग बैंकों से लोन लेकर डकारने का आरोप है। सीबीआई की टीम ने कोठारी के घर से 17 फाइलें जब्त की है।

सीबीआई और ईडी के छापे के बाद आयकर विभाग भी मॉल रोड स्थित सिटी सेंटर आफिस पहुंची। छापे के दौरान लखनऊ से सीबीआई के एसपी राघवेंद्र सिंह भी आए लगभग आधे घंटे अंदर रुकने के बाद वह वापस चले गए उन्होंने फिलहाल किसी गिरफ्तारी से इनकार किया है और कहा है कि शाम तक स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। सीबीआइ के सूत्रों के मुताबिक विक्रम कोठारी को हिरासत में ले लिया गया है। 

इधर छह बैंकों की कंसोर्टियम बनाकर कोठारी ग्रुप को लोन देने के मामले में स्थानीय बैंक अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है और हेड आफिस से मामला डील होने की बात की। इस कंसोर्टियम में बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और यूनियन बैंक शामिल हैं। 

मामले में कोठारी ग्रुप के वकील शरद बिरला का कहना है कि विक्रम कोठारी कहीं फरार नहीं थे। वह कानपुर में थे और बैंको से लगातार संपर्क में थे। इस संबंध में 20 फरवरी को वामक के साथ उनकी मीटिंग थी। इसके पहले ही कार्रवाई हो गई। इस संबंध में विक्रम कोठारी का कहना है कि उनके ऊपर भागने के आरोप लगाए जा रहे हैं जो कि गलत है वह कहीं नहीं गए उन का मामला एनसीएलटी में विचाराधीन है और वह ऋ णों के सेटलमेंट के लिए बैंकों के साथ लगातार संपर्क में हैं
बता दें कि पिछले साल बैंक ऑफ बड़ौदा ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया था। कंपनी बैंक के इस आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट गई थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए बैंक को आदेश दिया कि कंपनी का नाम विलफुट डिफॉल्टर लिस्ट से बाहर किया जाए।

वहीं उनका माल रोड स्थित ऑफिस पिछले एक हफ्ते से बंद है। सोशल मीडिया पर उनके देश छोड़कर भागने की खबरें छाई हुई थीं। जिसके बाद रविवार को उन्होंने बयान जारी कर कहा कि वह कानपुर में ही हैं। विक्रम कोठारी के घर पांच सदस्यीय टीम ने कोठारी परिवार के सभी सदस्यों के पासपोर्ट और मोबाइल कब्जे में ले लिए हैं।

उनके लैपटॉप, आइफोन और आईपैड भी की जांच चल रही है। घर के अलावा बिठूर स्थित फार्महाउस और सिटी सेंटर स्थित कार्यालय पर भी सीबीआइ की टीमें जांच कर रही हैं।


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