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विक्रम व राहुल कोठारी को हिरासत में लेकर सीबीआई व ईडी की टीमें दिल्ली रवाना

बैंकों के कंसोर्टियम से 3695 करोड रुपए का लोन लेने वाले विक्रम कोठारी व राहुल कोठारी को सीबीआई और ईडी के संयुक्त जांच दल ने काफी पड़ताल के बाद हिरासत में ले लिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 20 Feb 2018 12:51 PM (IST)Updated: Tue, 20 Feb 2018 05:09 PM (IST)
विक्रम व राहुल कोठारी को हिरासत में लेकर सीबीआई व ईडी की टीमें दिल्ली रवाना
विक्रम व राहुल कोठारी को हिरासत में लेकर सीबीआई व ईडी की टीमें दिल्ली रवाना

कानपुर (जेएनएन)। रोटोमेक ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक विक्रम कोठारी तथा उनके बेटे राहुल को हिरासत में लेकर सीबीआई के साथ ईडी की टीमें दिल्ली रवाना हो गई हैं। इनको टीमें सड़क मार्ग से लेकर नई दिल्ली रवाना हो गई हैं। सीबीआई टीम तीन गाड़ियों में विक्रम कोठारी के साथ उनके मामले से जुड़े कई जब्त दस्तावेज भी अपने साथ ले गई।
बैंकों के कंसोर्टियम से 3695 करोड रुपए का लोन लेने वाले विक्रम कोठारी व राहुल कोठारी को सीबीआई और ईडी के संयुक्त जांच दल ने काफी पड़ताल के बाद हिरासत में ले लिया है। हालांकि सीबीआई और ईडी के किसी अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की है परंतु शाम करीब 4:30 बजे तीन गाडिय़ों से निकली टीम के साथ विक्रम कोठारी और राहुल कोठारी भी थे।

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इससे पहले सुबह से लगी हुई दो टीमें घर और बैंक में जांच करती रहीं। टीम विभिन्न बैंको से कागजात और लाकर के समान जुटा कर लायी और दिल्ली निकलते वक्त साथ ले गयी। आज दोपहर में आयकर विभाग की टीम भी आई और करीब आधे घंटे कोठारी के आवास में रुकी शाम यह भी सूचना मिली कि सीबीआईऔर आरबीआई बैंक अधिकारियों के साथ मीटिंग कर सकते हैं।

रोटोमैक ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक विक्रम कोठारी के ऊपर बैंक की बड़ी देनदारी के प्रकरण में दो दिन से जांच कर रही सीबीआई तथा ईडी की टीमों को आज बड़ी मात्रा में लोन तथा बैंक के अन्य कागज मिले हैं। आज सीबीआई तथा ईडी की टीमों ने विक्रम कोठारी की पत्नी, बेटी तथा बेटे के साथ शहर के विभिन्न बैंक तथा अन्य जगह पर छापा मारा। 

विक्रम कोठारी के ठिकानों पर दो दिन विभिन्न स्थानों पर छापे की कार्रवाई कर रही सीबीआई और ईडी की टीम में से टीम करीब चार बजे बजे कोठारी के आवास पहुंची। दो गाडिय़ों में आये अधिकारी अपने साथ कई सूटकेस और बैग लेकर आए। माना जा रहा है यह विभिन्न स्थानों और बैंकों से मिली हुई संपत्ति ऋण और बैंक खाते से संबंधित कागजात हैं। 

विभिन्न बैंकों के साथ लोन के मामले में धोखाधड़ी करने के मामले में रोटोमैक ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक विक्रम कोठारी पर सीबीआई के साथ ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है। करीब 3600 करोड़ के घपले के मामले में आज भी कानपुर में विक्रम के आवास तथा कार्यालय पर सीबीआई तथा ईडी की कार्रवाई जारी है।

कानपुर में रोटोमैक ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक विक्रम कोठारी के आवास पर सीबीआई और ईडी की कार्रवाई आज भी जारी है। कल के बाद आज भी दो टीमों ने छानबीन को आगे बढ़ाया है। आज दिन में करीब 11:30 बजे पर सीबीआई की एक टीम विक्रम कोठारी की पत्नी साधना कोठारी को भूरे रंग की कार में बैठाकर ले गई है। ऐसा माना जा रहा है कि टीम उनको लेकर बैंक गई है। जहां पर उनकी कंपनी तथा व्यक्तिगत खातों की जांच की जाएगी। इनके साथ ही कई लॉकर्स की जांच हो सकती है। 

विक्रम कोठारी की पत्नी साधना कोठारी को शहर के कई बैंक में अपने साथ लेकर गई सीबीआई की टीम वापस लौट आई है। इस दौरान वह कोटक महिंद्रा बैंक गई। इसके अलावा दो अन्य बैंकों में भी जाने की सूचना है परंतु उसे गोपनीय रखा गया है।

विक्रम कोठारी पर सीबीआई और ईडी की कार्रवाई के मामले टीम विक्रम कोठारी की पत्नी साधना कोठारी और बेटी को लेकर कोटक महिंद्रा बैंक पहुंची। यहां पर खातों और लॉकर की पड़ताल के बाद टीम दोनों को लेकर बैंक ऑफ बरोदा गयी है। कुछ देर बाद टीम विक्रम कोठारी को लेकर भी कंसोर्टियम में शामिल बैंकों तक ले कर जाएगी। इस समय कोठारी के घर में पुलिस और सीबीआई के अधिकारियों का आना जाना लगा हुआ है।

बैंक लोन डिफॉल्ट केस मामले में कानपुर के कारोबारी विक्रम कोठारी की पत्नी साधना कोठारी को सीबीआई टीम मंगलवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल (एनसीएलटी) की सुनवाई के लिए साथ ले गई। दरअसल एनसीएलटी बैंकों के लंबित मामलों की सुनवाई करती है। सोमवार देर रात जांच करने के बाद सीबीआई की दो सदस्यीय टीम मंगलवार को फिर कोठारी के तिलक नगर स्थित घर पर पहुंची। कानपुर में ही एनसीएलटी में 20 फरवरी की तारीख मामले की सुनवाई के लिए लगी थी। इस समय सीबीआई रेड जारी है, इसलिए सुनवाई में सीबीआई की टीम साधना कोठारी के साथ एनसीएलटी गई है। बता दें कि सीबीआई ने कानपुर के कारोबारी विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना और राहुल को भी लोन डिफ़ॉल्ट केस में आरोपी बनाया है। इसके अलावा बैंक कर्मचारियों और अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।

रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी पर सीबीआई का शिकंजा कस गया है। कोठारी पर कई बैंकों को अरबों का चूना लगाने का आरोप है। बैंकों को हजारों करोड़ की चपत लगाने के मामले में कानपुर शहर के जानेमाने कारोबारी विक्रम कोठारी पर दिन पर दिन सीबीआई का शिकंजा कसता जा रहा है। विक्रम कोठारी पर सीबीआई का शिकंजा कसता देख कानपुर ही नहीं प्रदेश के कारोबारियों में खलबली मची है। सीबीआई टीम ने आज ईडी की टीम के साथ विक्रम कोठारी के रोटोमैक कंपनी के ऑफिस में धावा बोल दिया। टीम ने सुबह ही कंपनी में पहुंच कर कागजी छानबीन शुरु कर दी है। बीते 48 घंटे से कोठारी पर सीबीआई  का शिकंजा कसता जा रहा है। 

विभिन्न बैंकों के साथ धोखाधड़ी के आरोप में विक्रम कोठारी के आवास पर आज भी सीबीआई के साथ ही ईडी की टीमों की कार्रवाई जारी है। सीबीआई और प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) की संयुक्त टीम ने आज भी विक्रम कोठारी आवास, तिलकनगर पर छापा मारा और दस्तावेज खंगाले।

माना जा रहा है कि सीबीआई ने विक्रम कोठारी के खिलाफ मनी लाड्रिंग का मामला दर्ज कर लिया है। कोठारी परिवार के सभी सदस्यों के पासपोर्ट और मोबाइल कब्जे में ले लिए हैं। पत्नी साधना तथा बेटे के खिलाफ भी मामला दर्ज कर उनसे भी पूछताछ की गई है। उनकी सभी चल और अचल संपत्ति के कागजों की पड़ताल की जा रही है।

विक्रम कोठारी बैंकों ने लोन देने के बाद मूल के साथ ही ब्याज न देने के मामले में घिर गए है। उनके खिलाफ 3,695 करोड़ रुपये के घोटाले का गंभीर आरोप है। बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। सीबीआइ ने विक्रम कोठारी, पत्नी साधना कोठारी और बेटा राहुल कोठारी के साथ बैंक अधिकारियों को भी आरोपी बनाया है।

सीबीआइ प्रवक्ता अभिषेक दयाल के अनुसार, बैंक ऑफ बड़ौदा ने रोटोमैक ग्लोबल के निदेशक पर काफी फर्जी दस्तावेजों के सहारे 616.69 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया है। इस साजिश में बैंक के भी अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है।

शुरुआती अनुमान लगभग 800 करोड़ रुपये के घोटाले का था, लेकिन सीबीआइ जब कोठारी के कानपुर स्थित ठिकानों पर छापा मारने पहुंची, तो पता चला कि वे बैंक ऑफ बड़ौदा समेत सात बैंकों से कुल 2,919 करोड़ रुपये ले चुके हैं। ब्याज समेत यह रकम बढ़कर अब 3,695 करोड़ रुपये हो गई है। इतने बड़े घोटाले की भनक लगते ही ईडी भी सक्रिय हो गया और मनी लांडिंग का केस दर्ज कर छापे में सीबीआइ के साथ शामिल हो गया।

सीबीआइ की एफआइआर के अनुसार विक्रम कोठारी ने दो तरीके से बैंकों को चूना लगाया था। पहला, उसने विदेश से आयात के लिए बैंकों से एडवांस में लोन लिया। असल में कंपनी विदेश से कुछ आयात नहीं करती थी। बाद में यह पैसा रोटोमैक कंपनी में वापस आ जाता था। दूसरी तरफ निर्यात का ऑर्डर दिखाकर बैंकों से लोन लिया जाता था, लेकिन निर्यात करने के बजाय कंपनी पैसे को दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर कर देती थी। यह सिलसिला 2008 से जारी था। भारत और दूसरे देशों में ब्याज दर में अंतर के आधार पर निवेश कर भी कमाई की जाती थी।

संपत्ति का आकलन शुरू

ईडी ने सीबीआइ की एफआइआर को आधार बनाते हुए केस दर्ज कर लिया है। विक्रम कोठारी की संपत्तियों का पता लगाकर आकलन का काम शुरू कर दिया गया है। बताया जाता है कि कोठारी के दिल्ली स्थित आवास को सील कर दिया गया है।

एनसीएलटी कानपुर पहुंची

बैंक करप्ट का बड़ा मामला सामने आने के बाद एनसीएलटी(नेशनल कंपनी लॉ ट्रीब्यूनल की टीम कानपुर पहुंची। इस टीम ने यहां पर बैंक के बड़े अधिकारियों के साथ मीटिंग की। एनसीएलटी टीम के हेड रिप्रेजेन्टेटिव एंड प्रपोजल मीटिंग इस बैठक में शामिल हैं। बताया गया कि आज की मीटिंग में सेटलमेंट का निष्कर्ष नही निकला। अभी तक विक्रम कोठारी के कुल 27 बैंकों का कर्जदार होने की जानकारी सामने आ रही है। 

रिजर्व बैंक के निर्देश पर कार्रवाई

बैंकों ने उद्योगपति पर आरोप लगाया था कि विक्म कोठारी ने कथित तौर पर न लोन की रकम लौटाई और न ही ब्याज दिया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के दिशा निर्देशों पर एक आधिकारिक जांच कमेटी गठित की गई। कमेटी ने 27 फरवरी 2017 को रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लि. को विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला) घोषित कर दिया। कमेटी ने लीड बैंक की पहल पर यह आदेश पारित किया था। इसके बाद कार्रवाई हो रही है।

विक्रम कोठारी ने रियल एस्टेट सेक्टर में भी साझेदारों के साथ मिलकर निवेश किया है। विक्रम की गिरफ्तारी होने के बाद से उनके साझीदारों में खलबली मची है। कानपुर के कई रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट में विक्रम कोठारी का पैसा लगा हुआ है। सीबीआई की कार्रवाई शुरू होते ही शहर के बिल्डरों में दहशत दिखी। बिल्डर फोनकर कार्रवाई की जानकारी लेते रहे। नामी बिल्डर विश्वनाथ गुप्ता समेत अन्य साझीदारों के साथ मिलकर उत्तराखंड में विक्रम कोठारी की ओर से खरीदी गई संपत्तियों को नीलाम करने की तैयारी बैंक ने शुरू की है।

उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले विक्रम कोठारी 'रोटोमैक ग्लोबल' के सीएमडी हैं। जो स्टेशनरी के व्यापार की नामी कंपनी है। विक्रम कोठरी ने ही वर्ष 1992 में रोटोमैक ब्रांड शुरू किया था, जो भारत में एक नामी ब्रांड बन चुका है। विक्रम कोठारी मशहूर उद्योगपति मनसुख भाई कोठारी के बेटे हैं। जिन्होंने पान पराग नाम के गुटखा ब्रांड की शुरुआत की थी। मनसुख भाई के बाद उनके पुत्र विक्रम ने यह काम संभाला। पान पराग की मार्केटिंग के कारण विक्रम कोठारी को अवॉर्ड्स मिले। कानपुर के गुटखा किंग का टाइटल भी उन्हें पान पराग के कारण ही मिला। प्रॉपर्टी में विवाद के बाद विक्रम और उनके भाई दीपक कोठारी के बीच बंटवारा हो गया। जिसमें 1973 में बने पान पराग गुटखा को सफलतम ऊंचाईयों तक पहुंचाने के बाद को यह ब्रांड विक्रम कोठारी के भाई दीपक कोठारी के हिस्से में चला गया। जबकि विक्रम कोठारी के हिस्से में स्टेशनरी का व्यापार आ गया।  


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