कोहरे में जरा संभलकर, ये गड्ढे ले सकते हैं जान
ठंड व कोहरे की शुरुआत होते ही हाईवे पर हादसों की संख्या बढ़ने लगती है। इन हादसों के सबसे अधिक जिम्मेदार गड्ढ़े सड़क के बीच में लगे पेड़ व बिजली के पोल हैं। प्रशासन की लापरवाही के चलते दुर्घटना वाले प्वाइंट पर संकेतांक भी नहीं लगे हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर : ठंड व कोहरे की शुरुआत होते ही हाईवे पर हादसों की संख्या बढ़ने लगती है। इन हादसों के सबसे अधिक जिम्मेदार गड्ढ़े, सड़क के बीच में लगे पेड़ व बिजली के पोल हैं। प्रशासन की लापरवाही के चलते दुर्घटना वाले प्वाइंट पर संकेतांक भी नहीं लगे हैं।
अधिकतर हादसे शहर की परिधि में जीटी रोड पर बिठूर, कल्याणपुर, 9 नंबर क्रासिंग, अफीम कोठी, रेलबाजार, पीएसी मोड़, सनिगवां और कोयला नगर में होते हैं। इन जगहों पर ऐसे गड्ढे हैं, जहां अक्सर वाहन चालक गिरकर चुटहिल हो जाते है। बीते महीने ही बिठूर में स्थित एक गड्ढ़े में गिरकर थाने में तैनात हेड कांस्टेबल की मौत हो गई थी। वहीं रोड किनारे कई स्थानों पर सड़क के बीचोबीच पेड़ व बिजली के पोल लगे हुए हैं। इनके आगे संकेतांक नहीं होने के कारण वह भी हादसे के कारण बनते है। वहीं रामादेवी हाईवे पर भी लगी स्ट्रीट लाइट ठूंठ की तरह खड़ी नजर आ रही है। हाईवे पर लाइटें को लगी हुई है, लेकिन कई महीनों से यह लाइटें खराब है।
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जीटी रोड के दोनों तरफ कई स्थानों पर सड़क के बीचोबीच पेड़, बिजली के पोल और धार्मिक स्थल बने हैं। प्रशासन ने ऐसी जगह संकेतक भी नहीं लगाए हैं।
अनिभव गुप्ता, गाधीग्राम
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रामादेवी फ्लाईओवर पर लाइट के पोल तो लगे हैं, लेकिन लाइटें कई महीनों से खराब पड़ी है। इस कारण कई बार हादसे हो चुके हैं।
प्रदीप शर्मा, मंगला विहार
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देहली पुलिया से लेकर पीएसी मोड़ तक हाईवे के दोनों तरफ स्थित कबाड़ की दुकानों के बाहर ट्रक खड़े रहते है। इस कारण हुए हादसे में मौत हो चुकी है।
अमर गुप्ता, श्याम नगर
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नए वाहनों में एलईडी लाइट दी हुई है। कोहरा होने पर सामने से आने पर उन वाहनों की लाइटें दिखाई नहीं देती है। इस कारण बड़े हादसे भी हो चुके है।
दीपक चौहान, लाल बंगला