अपने असामान्य दिल से था परेशान, डॉक्टरों ने बिना ऑपरेशन कर दिया सफल इलाज Kanpur News
हृदय की सबसे लंबी नस वाले वृद्ध को थी सांस लेने और चलने फिरने में परेशानी कार्डियोलॉजी के चिकित्सकों ने किया ठीक।
कानपुर, [ऋषि दीक्षित]। चिकित्सा के क्षेत्र में अपने कदम मजबूती से बढ़ा रहे कानपुर के कार्डियोलॉजी में असामान्य संरचना वाले अद्भुत दिल का सफल इलाज कर कीर्तिमान गढ़ा गया। बिना ऑपरेशन हुए इलाज से विश्व में हृदय की सबसे लंबी और उलटी नस वाले बुजर्ग की जिंदगी सामान्य कर दी गई। सांस लेने, चलने-फिरने में बेहद दर्द होने की शिकायत लेकर मरीज सूबे के सेंटर फॉर एक्सीलेंस लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) आए थे। इलाज करने वाले हृदय रोग विशेषज्ञ और एसोसिएट प्रो. डॉ. एसके सिन्हा ने अपने आप में नजीर, इस केस का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की है। जिसे अंतरराष्ट्रीय ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ने प्रकाशित किया है। इस रिपोर्ट में असामान्य संरचना होने पर हृदय के इलाज में परंपरागत तरीकों के बजाय नई विधि ईजाद करने की आवश्यकता बताई है।
डॉ. एसके सिन्हा की ओपीडी में तीन महीने पहले कानपुर देहात निवासी और 15 वर्ष से मधुमेह से पीडि़त 64 वर्षीय बुजुर्ग सांस फूलने, सीने में दर्द होने, पैरों में सूजन और घुटने की दिक्कत लेकर आए थे। डॉ. सिन्हा के मुताबिक मरीज की टीएमटी जांच संभव नहीं थी इसलिए एंजियोग्राफी का निर्णय लिया। जांच में पता चला कि उनके हृदय की संरचना सामान्य से एकदम अलग और जटिल है। कार्डियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. रमेश ठाकुर एवं डॉ. उमेश्वर पांडेय से चर्चा कर सीटी एंजियो जांच की गई। इससे मिले तथ्य पर रिपोर्ट तैयार कर इलाज किया गया।
ये थी जटिलताएं
बुजुर्ग के हृदय की मुख्य आर्टरी बायें के बजाए दायें ओर थी। सामान्य नसों का छोर नहीं मिल रहा था। लेफ्ट एंटीरियर डिसेंडिंग (एलएडी) और लेफ्ट सरकम फेलक्स (एलसीएक्स) नस भी बाएं की जगह दाहिनी ओर से निकली थीं। इसकी लंबाई 79 मिमी थी। ये नसें टेढ़ी-मेड़ी व उलटी और सामान्य से काफी मोटी थीं। इससे हृदय में रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो रहा था। रक्त प्रवाह सही करने के लिए नसें अपने स्थान पर ले जानी थीं लेकिन जटिलता के कारण ऑपरेशन संभव नहीं था। ऐसे में दवाओं की विशेष डोज से मरीज का सफल इलाज किया गया। अभी भी वह संस्थान की निगरानी में हैं।
टर्की के व्यक्ति के दिल में थी सबसे लंबी नस
डॉ. सिन्हा के मुताबिक हार्ट की लेफ्ट आर्टरी की एलएडी और लेफ्ट सरकम फेलक्स की सबसे अधिक लंबाई वाला व्यक्ति टर्की का था। उसके दिल की नस की लंबाई 60 मिलीमीटर थी। हृदय रोग संस्थान में बुजुर्ग मरीज की नस की लंबाई 79 मिमी निकली।
अलग मशीनें और सॉफ्टवेयर चाहिए
डॉ. सिन्हा के मुताबिक जिन मरीजों की हृदय संरचना अलग होती है, उनके इलाज में अलग सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की जरूरत है। इसी हिसाब से एंजियोप्लास्टी से लेकर बाईपास सर्जरी समेत अन्य प्रक्रियाएं होंगी।
टीम में ये थे शामिल
अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट टीम में संस्थान के निदेशक प्रो. विनय कृष्ण, डॉ. सिन्हा की टीम में शामिल डॉ. एम रजी व सीनियर रेजीडेंट डॉ. पुनीत अग्रवाल को स्थान दिया गया है।