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कचहरी से बंदी को उसके भाइयों और दोस्तों ने कराया था फरार, चारों भेजे गए जेल Kanpur News

तीन अक्टूबर को पेशी के बाद सिपाही को चकमा देकर भाग निकला था हत्यारोपित विक्की सोनी अभी तक नहीं लग सका है सुराग।

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 10:59 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 09:37 AM (IST)
कचहरी से बंदी को उसके भाइयों और दोस्तों ने कराया था फरार, चारों भेजे गए जेल Kanpur News
कचहरी से बंदी को उसके भाइयों और दोस्तों ने कराया था फरार, चारों भेजे गए जेल Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। न्यायालय में पेशी पर आए हत्यारोपित विक्की सोनी को उसके भाइयों और दो दोस्तों ने कचहरी से फरार कराया था। गुरुवार को पुलिस ने चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। हालांकि अब तक विक्की का पता नहीं लग सका है। उसकी तलाश में टीमें बांदा, प्रयागराज में दबिश दे रही हैं।

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नौबस्ता स्थित एक ढाबे पर चार वर्ष पूर्व रोहित भदौरिया की हत्या में विक्की सोनी जेल में बंद था। तीन अक्टूबर को पेशी के बाद विक्की एक सिपाही सतेंद्र के साथ परिचित अधिवक्ता के चैंबर पर गया और चकमा देकर फरार हो गया था। घटना के बाद एसएसपी ने दोनों सिपाहियों सतेंद्र व जितेंद्र को निलंबित कर दिया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद सिपाही सतेंद्र को जेल भेजा गया था।

उधर फरार होने के बाद विक्की ने नौबस्ता के प्रापर्टी डीलर महेश यादव को फोन कर 25 लाख की रंगदारी भी मांगी थी। इस पर महेश ने नौबस्ता में मुकदमा लिखाया है। कोतवाली प्रभारी कौशल किशोर ने बताया कि विक्की को फरार कराने में उसके बड़ेभाई दीपचंद्र, चचेरे भाई सुरेंद्र और हत्या के मुकदमे में सह आरोपित दोस्त रोहित बहेलिया और रामजी मिश्र ने मदद की थी। चारों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।

पिछले महीने रची थी साजिश

विक्की के भाइयों ने बताया कि हाईकोर्ट से दो बार जमानत अर्जी खारिज होने के बाद पैरवी में काफी पैसा खर्च हो रहा था। पैसे का इंतजाम नहीं हो पा रहा था, तभी एक माह पूर्व उसने फरार होने की साजिश रची थी।

जेल में लंबरदारों से भी था झगड़ा

साथी रोहित बहेलिया ने बताया कि जब वह एक साथ जेल में थे तो वहां पर दबंगई करते थे। विक्की को छोड़ बाकी जमानत पर छूट गए। इसके बाद से दो लंबरदार विक्की को पीटते थे। वह उनसे बदला लेना चाहता है।

कार और बाइक से आकर ले गए थे साथ

विक्की को फरार कराने के लिए उसके साथी दो कार व चार बाइक से आए थे। विक्की को बाइक पर बैठाकर ले गए थे। पीछे अन्य बाइक व कारों में बाकी साथी चल रहे थे। ताकि उसे पुलिस की नजर से बचा सकें।  


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