वित्तीय वर्ष के आखिरी दिनों में छावनी परिषद पर बरसी 'लक्ष्मी'
जागरण संवाददाता, कानपुर : वित्तीय वर्ष के आखिर में छावनी परिषद पर जमकर 'लक्ष्मी' की बरसात हुई
जागरण संवाददाता, कानपुर : वित्तीय वर्ष के आखिर में छावनी परिषद पर जमकर 'लक्ष्मी' की बरसात हुई। रेलवे और आर्डनेंस फैक्ट्री ने छावनी परिषद को वर्षो से बकाया पड़ा सर्विस चार्ज अदा कर दिया है।
कानपुर छावनी परिषद और रेलवे के बीच सर्विस चार्ज को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई पहुंची। आगरा छावनी परिषद के ठीक ऐसे ही मामले में विपरीत फैसला होने पर यहां रेलवे व छावनी प्रबंधन ने बाहर ही समझौता कर लिया, जिसमें रेलवे ने 25.50 करोड़ रुपये की देनदारी स्वीकार कर ली थी। सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के भीतर बकाया धनराशि देने के लिए कहा था। सीईओ हरेंद्र सिंह ने बताया कि रेलवे को 12 मार्च तक रकम जमा करानी थी, लेकिन पैसा ट्रांसफर में कुछ समय लग गया। शुक्रवार को रेलवे ने छावनी के खाते में 25.50 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। आर्डनेंस फैक्ट्री ने भी सर्विस चार्ज 1.75 करोड़ रुपये दे दिए हैं। हलांकि उस पर 173 करोड़ रुपये का बकाया है।
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इन पर अभी भी बकाया
रेलवे और आर्डनेंस ने भले ही सर्विस चार्ज दे दिया हो, लेकिन केंद्र सरकार के डीआरडीओ, पोस्ट ऑफिस और राज्य सरकार के पीडब्ल्यूडी, पुलिस, अधिशासी अभियंता नलकूप, अधिशासी अभियंता नहर आदि दस विभागों पर करोड़ों का सर्विस चार्ज बकाया है।