तीन ट्रक का मालिक और बीटेक छात्र निकले एटीएम कार्ड बदलकर 9.16 लाख रुपये उड़ाने वाले
पुलिस ने दोनों को किया गिरफ्तार कार्ड बदलकर रिटायर्ड रेलवे कर्मी को लगाई थी चपत स्कार्पियो व रिवाल्वर बरामद।
कानपुर, जेएनएन। चौबेपुर में रिटायर्ड रेलवे कर्मी का एटीएम कार्ड बदलकर खाते से 9.16 लाख रुपये निकालने वाले दो शातिरों को पुलिस ने साइबर सेल की मदद से गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों में से एक तीन ट्रकों का मालिक है तो दूसरा बीटेक छात्र। तीसरे साथी की तलाश की जा रही है। पकड़े गए शातिरों से स्कॉर्पियो कार, रिवाल्वर, 26 एटीएम कार्ड, लैपटॉप, पांच स्मार्ट फोन व पांच हजार रुपये बरामद हुए। पुलिस ने आरोपितों की ओर से फजलगंज की एक कंपनी के खाते में जमा किए गए 3.99 लाख रुपये होल्ड कराए हैं।
एटीएम में पिन नंबर पूछकर बदला था कार्ड
आगरा मंडल रेल विभाग से पिछले वर्ष दिसंबर में सेवानिवृत्त हुए अमरपाल 27 जनवरी को चौबेपुर के शेरपुर गांव स्थित पैतृक घर आए थे। उन्होंने पड़ोसी संजय को एटीएम कार्ड देकर पैसे निकालने के लिए भेजा। संजय चौबेपुर स्थित ओरिएंटल बैंक के एटीएम पर पहुंचे। पीछे खड़े युवक ने मदद के नाम पर पिन नंबर पूछकर उनका एटीएम कार्ड बदलकर कई बार में खाते से 9.16 लाख रुपये पार कर दिए। अमरपाल का मोबाइल फोन रोमिंग में था, इसलिए कोई मैसेज भी नहीं आया। जब वह आगरा लौटे तो जानकारी होने पर रिपोर्ट लिखाई। सर्विलांस टीम ने कार्ड से ट्रांजेक्शन का ब्योरा निकलवाने के बाद बुधवार को गजनेर (कानपुर देहात) के कुढ़वा गांव निवासी उपेंद्र सिंह भदौरिया और जालौन के कुदौरा निवासी बीटेक छात्र दीपक कुमार को गिरफ्तार कर घटना का राजफाश किया।
शातिरों के पास से 26 एटीएम कार्ड बरामद
एसपी ग्र्रामीण प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि उपेंद्र व दीपक के साथ ही वारदात में उपेंद्र का चचेरा साला अभिजीत सिंह चौहान भी शामिल है। उसी ने कार्ड बदला था। पहला ट्रांजेक्शन दीपक ने एक शॉपिंग मॉल में किया था। इसके बाद पेट्रोल पंप से रकम कटवाकर कैश लेना, ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए खाते से रकम निकाली गई। आरोपित पहले भी कई टप्पेबाजी कर चुके हैं। उनके पास से 26 एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं। उपेंद्र की रिवाल्वर का लाइसेंस कैंसिल कराया जाएगा।
चोरी के कार्ड से जमा की ईएमआइ
पुलिस के मुताबिक उपेंद्र तीन ट्रकों का मालिक है और चोरी के कार्ड से उसने ट्रकों की ईएमआइ भी जमा की थी। पुलिस को आरोपितों के पास से ऑनलाइन खरीदे गए सैनटरी का सामान, पर्दे, लैपटॉप, टीशर्ट, जींस भी मिला है।
सेना से सेवानिवृत्त हैं उपेंद्र के पिता
उपेंद्र के पिता आर्मी में रहे हैं तो अभिजीत के पिता रनियां की एक फैक्ट्री में मैनेजर हैं। दीपक जालौन से कानपुर में इंजीनियङ्क्षरग पढऩे आया था और अभिजीत के संपर्क में आकर वारदात करने लगा। महंगे शौक पूरे करने के लिए वह लोगों के एटीएम कार्ड का ही इस्तेमाल करते थे।