Govind Nagar bypoll : बसपा से छिटक गया परंपरागत मतदाता, पिछले चुनाव के मुकाबले चौथाई भी नहीं मिले वोट Kanpur News
सिर्फ 5434 वोट ही पा सके पार्टी प्रत्याशी देवी प्रसाद तिवारी भितरघात के कारण पार्टी को नुकसान का अंदेशा।
कानपुर, जेएनएन। बहुजन समाज पार्टी के लिए एक बार फिर कानपुर की धरती बंजर साबित हुई। 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी यहां एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। उपचुनाव से पार्टी को उम्मीद थी। इसलिए कांग्रेस के देवी प्रसाद तिवारी को पार्टी ने अपने पाले में लाकर चुनावी समर में उतारा लेकिन यह दांव भी फेल हो गया। पार्टी के परंपरागत मतदाता या तो घरों से वोट देने नहीं निकले और जो निकले भी वे दूसरे दलों के साथ चले गए।
1993 का विधानसभा चुनाव छोड़ दें तो बसपा कभी भी शहर में नहीं जीती। उस समय आर्यनगर सीट पर बसपा प्रत्याशी महेश वाल्मीकि ने जीत हासिल की थी। इसके बाद जब भी चुनाव हुए पार्टी के उम्मीदवारों को निराशा ही हाथ लगी। 2007 के चुनाव में बसपा ने जिले में तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन उसके बाद के चुनावों में पार्टी की स्थिति खराब ही रही। इस चुनाव में पार्टी नेतृत्व को काफी उम्मीदें थीं। भितरघात और परंपरागत मतदाताओं के पूरी तरह से साथ न आने से पार्टी प्रत्याशी को सिर्फ 5434 वोटों से ही संतोष करना पड़ा, जबकि 2017 के चुनाव में पार्टी उम्मीदवार को 28795 वोट मिले थे। पार्टी के पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुछ ऐसे नेता थे जो विरोधी दलों के साथ रहे इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
गोविंदनगर में बसपा को पूर्व में मिले वोट
चुनाव मिले वोट
2019 5434
2017 28795
2012 30963
2007 23274
2002 8330
पार्टी ने ईवीएम पर उठाया सवाल
बसपा के जिलाध्यक्ष रामशंकर कुरील ने ईवीएम पर ही सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि जिन बूथों पर बसपा के पदाधिकारी मतदाता हैं वहां भी हमारे उम्मीदवार को कम वोट मिले हैं। इससे यह साफ है कि ईवीएम में गड़बड़ी की गई।