बीएसएफ अधिकारियों ने बताया था कि पैर फिसलने से नदी में गिरकर डूब गया भाई
आज नौबस्ता के मछरिया पहुंचेगा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जवान का पश्चिम बंगाल से पार्थिव शरीर।
जागरण संवाददाता, कानपुर : मूलरूप से फर्रूखाबाद जिठौली गांव निवासी बीएसएफ जवान 36 वर्षीय शैलेंद्र कुमार दुबे का पार्थिव शरीर शुक्रवार की सुबह पश्चिम बंगाल से उनके नौबस्ता मछरिया स्थित आवास पहुंचेगा। यह जानकारी उनके छोटे भाई आदेश कुमार दुबे ने दी है।
आदेश के मुताबिक उनके पिता संतोष दुबे सेवानिवृत्त दारोगा हैं। शैलेंद्र तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। वर्ष 2004 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। मौजूदा समय उनकी तैनाती 78वीं वाहिनी पश्चिम बंगाल मालदा मुर्शिदाबाद के चापघाटी सीमा चौकी पर थी। आदेश के मुताबिक बुधवार की सुबह पांच बजे फोन आया था। मां ने फोन उठाया था। बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट ने मंगलवार रात 11 बजे पदमा नदी में पेट्रोलिग के दौरान शैलेंद्र का पैर फिसलने से नाव से रायफल समेत नदी में गिरने की सूचना दी थी। सूचना मिलने के कुछ समय बाद ही वह पश्चिम बंगाल के लिए निकल गये थे। तीन घंटे बाद दोबारा से काल आयी और शव निकाले जाने की जानकारी दी थी। आरोप है कि बीएसएफ अधिकारी परिवार से सच्चाई छिपा रहे हैं।
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पत्नी बच्चों संग रह रही है मायके
आदेश ने बताया कि मां रानी दुबे को आंखो से दिखता नहीं है। परिवार में सबसे छोटा भाई अमित भी है। शैलेंद्र की शादी वर्ष 2012 में फतेहगढ़ निवासी मीनू संग हुई थी। शैलेंद्र की पांच साल की बेटी मिष्ठी और तीन वर्षीय बेटा शिवांश है। भाभी बीते एक माह से बच्चों के साथ अपने मायके में रह रही हैं।
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नशेबाजी के विरोध पर फैक्ट्रीकर्मी ने फांसी लगाई
जासं, कानपुर : ग्वालटोली के मैकराबर्टगंज निवासी 44 वर्षीय फैक्ट्री कर्मी शैलेंद्र गुप्ता ने बुधवार रात नशेबाजी के विरोध पर फांसी लगा ली। सुबह पड़ोसियों ने उनका शव पहली मंजिल स्थित कमरे के बाहर लटका देख स्वजन को सूचना दी। पुलिस ने जांच की, लेकिन मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।
शैलेंद्र जाजमऊ की चमड़ा फैक्ट्री में नौकरी करते थे। परिवार में पत्नी पूनम, 14 वर्षीय बेटा आदर्श, दो बेटियां वैष्णवी व नैना हैं। पूनम एक अपार्टमेंट में खाना बनाने जाती हैं तो बेटा भी एक दुकान में काम करता है। पूनम ने बताया कि पति रोज शराब पीते थे। बुधवार रात भी नशे में घर लौटे और 200 रुपये मांगे। पूनम ने पैसे दिए तो बाहर से और ज्यादा शराब पी आए। विरोध पर झगड़ पड़े। बेटी ने जो खाना बनाया था, उसमें भी कमियां गिनाकर बिना खाना पहली मंजिल स्थित कमरे में सोने चले गए। सुबह पूनम उठीं और नौकरी करने चली गईं। करीब साढ़े आठ बजे एक पड़ोसी ने शैलेंद्र का शव उनके कमरे के बाहर लटका देख बेटे आदर्श को सूचना दी। आदर्श ऊपर गया तो शव देख बेहाल हो गया। उसी ने चाकू से फंदा काटकर शव उतारा। इसके बाद पुलिस भी आई। एसीपी त्रिपुरारी पांडेय ने बताया कि फैक्ट्री कर्मी का नशेबाजी को लेकर परिवार से विवाद होता था। शायद इसी वजह से उन्होंने आत्मघाती कदम उठा लिया। अगर कोई तहरीर आती है तो जांच कराई जाएगी।