रातभर सीने में दुख का सैलाब दफन कर बेटी के सात फेरे पूरे होने का इंतजार करता रहा पिता Kanpur News
बेटी की विदाई हो जाने के बाद पत्नी को जानकारी देकर बेसुध हो गया।
कानपुर देहात, जेएनएन। बेटी के घर से जाने का गम शादी की खुशी में दब जाता है लेकिन यहां एक पिता दुख का सैलाब सीने दफन करके उसके सात फेरे पूरे होने का इंतजार करता रहा। पंडित जी मंत्र पढ़ कर वर-वधू के सात फेरे पूरे करा रहे थे और सामने बैठे पिता के सीने में गम का समंदर उमड़ कर बार-बार आंखों में आता रहा लेकिन वह अपनी लाडो से छिपा उसे चुपके से पीते रहे। विवाह की रस्म पूरी होने के बाद बेटी विदा हुई तो पत्नी को घटना की जानकारी देकर वह बेसुध हो गए।
दर्दनाक हादसे ने मातम में बदल दीं खुशियां
मूल रूप से मंगलपुर थाना के दत्तपुर गांव निवासी पूर्व फौजी रामनरेश झींझक के करियाझाला मोड़ पर मकान बना कर रहते हैं। परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक पुत्री है। पुत्री अंजू का बुधवार को सिंध कालोनी भरथना के अनिकेत से विवाह हो रहा था। शाम सात बजे के बरात आई तो जनवासे में स्वागत शुरू हो गया। बहन की शादी की तैयारियों में जुटा हिमांशु बाइक से जनवासे पहुंचा।
कोई सामान कम हो जाने पर वह बाइक से घर जा रहा था। इस बीच रास्ते में किसी वाहन ने बाइक में टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। इस हृदय विदारक घटना के बाद रिश्तेदारों ने हालात संभाले और मौके की नजाकत देखते हुए पिता को जानकारी दी। उनसे कहा, इस घटना को सुबह तक के लिए छिपाना ही बेहतर है। किसी तरह पिता ने गम के समंदर को सीने में दफन करके बेटी के सात फेरे पूरे कराए और उसे विदा किया।
मौत से पहले बहन से मिलकर गया था
बहन की शादी को लेकर पिछले दो दिनों से बड़े भाई हिमांशु के कदम रुक नहीं रहे थे। बुधवार सुबह वह कई बार घर से जनवासे के चक्कर लगा चुका था। हिमांशु घटना के कुछ देर पहले ही बहन अंजू से मिलकर गया था। घटना से अंजान भइया की लाडली को जरा सा भी पता नहीं था कि उसकी दुनिया के सपने सजाने वाला भाई अब इस दुनिया में ही नहीं है।
रिश्तेदारों ने वर को जानकारी दे दी थी लेकिन अंजू को बताने से मना कर दिया था। पूरी रात हिमांशु का शव झींझक सीएचसी में रखा रहा। इस हादसे की जानकारी छोटे भाई सुमित, मां किरन को भी नहीं दी थी। बेटी की विदाई के बाद रामनरेश पत्नी और बेटे को घटना की जानकारी देकर बेसुध हो गए।