एलएलआर अस्पताल में सक्रिय हैं दलाल, दर्ज कराएं एफआइआर
अस्पताल में तैनात एसीएम की रिपोर्ट के बाद मंडलायुक्त ने समीक्षा बैठक कर दिए निर्देश।
- अस्पताल में तैनात एसीएम की रिपोर्ट के बाद मंडलायुक्त ने समीक्षा बैठक कर दिए निर्देश
जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर आए मुख्यमंत्री से जनप्रतिनिधियों ने जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल में अव्यवस्था समेत कई शिकायतें की थीं। इस पर मंडलायुक्त ने व्यवस्था में सुधार के लिए अस्पतालों में छह एसीएम लगाए। उनकी रिपोर्ट के आधार पर मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने समीक्षा करते हुए बैठक में प्राचार्य से कहा कि अस्पताल में दलाल सक्रिय हैं, उन्हें चिह्नित कर एफआइआर दर्ज कराएं। उनके नाम की सूची जिला प्रशासन को भी दें। बैठक में प्राचार्य प्रो. आरबी कमल समेत पूरी टीम मौजूद रही।
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हेल्प डेस्क की संख्या बढ़ाएं
मंडलायुक्त ने प्राचार्य को निर्देश दिया कि हेल्प डेस्क की संख्या बढ़ाएं। सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से अस्पताल का निरीक्षण कराएं और आउटसोर्सिंग एजेंसी के साथ विस्तृत प्लान तैयार कराएं। उसकी रिपोर्ट एक सप्ताह में प्रस्तुत करें।
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यह व्यवस्थाएं संतोषजनक
मंडलायुक्त ने कहा कि चिकित्सकीय व्यवस्था में सुधार के लिए तैनात एसीएम ने रिपोर्ट दी है कि अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड, जनरल वार्ड एवं आइसीयू में भर्ती मरीजों का हाल जानने को नियमित डाक्टर आते हैं। मरीजों की नियमित देखभाल होती है। इन वार्डो में सफाई भी बेहतर पाई गई है।
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वार्डो में भी डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ
एसीएम की रिपोर्ट के मुताबिक वे एलएलआर अस्पताल की इमरजेंसी, वार्ड, बाल रोग, जच्चा-बच्चा अस्पताल एवं मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल के वार्डों में नियमित जायजा लेते रहे। इस दौरान पाया कि वार्डों में डाक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता बनी रहती है। मरीजों की समस्या सुनने के साथ उनका निराकरण भी करते हैं।
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यहां है समस्या
मेडिकल कालेज के मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल को नान कोविड हास्पिटल बनाया गया है। अस्पताल में कर्मचारियों की कमी है, जिस वजह से चिकित्सकीय व्यवस्था प्रभावित होती है। एलएलआर अस्पताल में तीमारदारों के बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए इसका इंतजाम कराया जाए।
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भोजन का टेंडर फाइनल नहीं
एलएलआर अस्पताल में अधिकारियों को भोजन की उपलब्धता एवं गुणवत्ता को लेकर किसी प्रकार की शिकायत नहीं मिली है। हालांकि एसीएम-5 द्वारा भोजन के लिए टेंडर फाइनल न हो पाने का प्रकरण संज्ञान में लाया गया। इसकी प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश मंडलायुक्त ने दिए।